झाबुआ उपचुनाव में भाजपा की बढ़ सकती है मुश्किलें, डामोर ने दिया इस्तीफा

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दिनेश शुक्ला । Sep 30 2019 5:32PM

रविवार को जारी हुई भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट में भारतीय जनता युवा मोर्चा के झाबुआ जिला अध्यक्ष भानू भूरिया को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि उनसे सीनियर कल्याण सिंह डामोर टिकिट की दौड़ में आगे चल रहे थे।

मध्यप्रदेश का झाबुआ उपचुनाव अब एक दिलचस्प मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है। जहां दोनों ही प्रमुख दलो भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी की घोषणा हो चुकी है। लेकिन जहां कांग्रेस में नामांकन के आखिरी दिन तक पार्टी के भीतर प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को लेकर विरोध के कोई स्वर नहीं उठे है। तो वही भाजपा में प्रत्याशी घोषित हुए भानू भूरिया के बाद टिकिट के प्रबल दावेदार मामने जा रहे आदिवासी नेता कल्याण सिंह डामोर ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा अनूसूचित जाति जनजाति मोर्चा के पूर्व महामंत्री कल्याण सिंह डामोर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

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रविवार को जारी हुई भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट में भारतीय जनता युवा मोर्चा के झाबुआ जिला अध्यक्ष भानू भूरिया को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि उनसे सीनियर कल्याण सिंह डामोर टिकिट की दौड़ में आगे चल रहे थे। कल्याण सिंह डामोर ने बागी होकर नामांकन के आखिरी दिन पर्चा भी भर दिया। वही कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया का पर्चा भरवाने मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कई मंत्री और विधायक झाबुआ पहुँचे। जिनकी उपस्थिति में कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने पर्चा भरकर जीतने की संभावना व्यक्त की। झाबुआ में इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भूरिया की नामांकन रैली के साथ सभा भी की। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि झाबुआ छिंदवाड़ा की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इस दौरान भारी भीड़ देखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जनसैलाब देखकर लग रहा है कि जनता सरकार के काम से खुश है और जीत कांग्रेस की ही होगी।

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तो दूसरी ओर भाजपा में फूटे बगावत के सुरों से पार्टी परेशान है वही झाबुआ उपचुनाव के लिए जारी की गई स्टार प्रचारकों की लिस्ट से भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का नाम गायब रहा। जिसके चलते भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि शुरूआत में यह कहा जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी में जेवियर मेड़ा पिछले चुनाव की तरह बगावत कर सकते है लेकिन कांतिलाल भूरिया ने यह कहकर कि उन्होनें ही मेरे नाम का प्रस्ताव दिया है सबके मुंह बंद करे दिए जबकि भाजपा यह आस लगाकर बैठी थी कि अगर जेवियर मेड़ा कांग्रेस से बगावत करते है तो पार्टी उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित करेगी। सोमवार को नामांकन के आखरी दिन यह तय हो गया कि झाबुआ उपचुनाव में अभी तक कांग्रेस प्रत्याशी का पल्ला भारी है। जबकि दो बार से इस सीट से जीत हासिल करने वाली बीजेपी अपने गढ़ को बचाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है लेकिन पार्टी नेताओं की बगावत ने उसके यह सपना चूर चूर होता दिख रहा है जबकि कांग्रेस अपना खोया गढ़ पाने की जुगत में है।

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