कर्जमाफी के मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर भाजपा विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट किया
प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया एवं भाजपा के विधायकों ने इस मुद्दे पर बोलना जारी रखा और जब अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी तो वह बर्हिगमन कर गए। हालांकि कुछ मिनट बाद ही वे सदन में लौट आए।सदन में शुक्रवार को राज्य सरकार के बजट पर भी चर्चा हुई जिस पर भाजपा के विधायक सतीश पूनिया व जोगेश्वर गर्ग के साथ साथ निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ ने भी अपनी बात रखी।
जयपुर। राजस्थान में विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने किसानों के कर्जमाफी के मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में शुक्रवार को कुछ देर के लिए विधानसभा से बर्हिगमन किया।प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के विधायक निर्मल कुमावत ने किसानों के कर्जमाफी प्रमाण पत्र वितरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना से जानना चाहा कि राज्य के कितने किसानों को ऋणमाफी योजना का फायदा मिला है और कितनों को इसके प्रमाण पत्र मिल चुके हैं।
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आंजना ने सदन को बताया कि 30 नवम्बर 2018 तक पात्र किसानों की दो लाख तक की बकाया ऋण राशि माफ कर दी गयी है तथा इस राशि का समायोजन सम्बन्धित ऋणी के खाते में 30 जून 2019 तक कर दिया गया है।कुमामत ने इस मुद्दे पर और सवाल पूछना जारी रखा तो विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और अगले सवाल की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस बीच विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ भी कुमावत के साथ आ गए और कहा कि किसानों के साथ धोखा हुआ है।इसको लेकर सदन में हंगामा शुरू हो गया और अध्यक्ष ने प्रतिपक्ष की टिप्पणियों को अंकित नहीं करने का आदेश दिया।
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प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया एवं भाजपा के विधायकों ने इस मुद्दे पर बोलना जारी रखा और जब अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी तो वह बर्हिगमन कर गए। हालांकि कुछ मिनट बाद ही वे सदन में लौट आए।सदन में शुक्रवार को राज्य सरकार के बजट पर भी चर्चा हुई जिस पर भाजपा के विधायक सतीश पूनिया व जोगेश्वर गर्ग के साथ साथ निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ ने भी अपनी बात रखी।
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