विधानसभा चुनाव से पहले असम में बीजेपी का नया समीकरण, नए सहयोगियों UPPL और GSP से मिलाया हाथ

 UPPL and GSP join BJP

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि अगले बीटीसी का संयुक्त रूप से गठन करने के लिए भाजपा ने यूपीपीएल और जीएसपी के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। सोनोवाल ने तीनों दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि 40 सदस्यीय नई परिषद की अध्यक्षता यूपीपीएल के प्रमुख प्रमोद बोडो करेंगे।

गुवाहाटी। भाजपा ने असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में स्व-शासी निकाय बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) पर शासन करने के लिए जरूरी बहुमत हासिल करने के मकसद से अपने गठबंधन के वर्तमान सहयोगी बीपीएफ को छोड़ रविवार को नए सहयोगी दलों यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) से हाथ मिला लिया। हाल ही में संपन्न हुए बीटीसी चुनाव का परिणाम त्रिशंकु रहा। किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि अगले बीटीसी का संयुक्त रूप से गठन करने के लिए भाजपा ने यूपीपीएल और जीएसपी के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। सोनोवाल ने तीनों दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि 40 सदस्यीय नई परिषद की अध्यक्षता यूपीपीएल के प्रमुख प्रमोद बोडो करेंगे। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के राज्य में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में तीन मंत्री हैं। बीपीएफ, बीटीसी चुनावों में 17 सीटें जीतकर 40 सदस्यीय निकाय में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। बीटीसी चुनाव में यूपीपीएल ने 12 सीटें जीतीं, भाजपा ने नौ, जबकि कांग्रेस और जीएसपी ने एक-एक सीट हासिल की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस जीत पर यूपीपीएल और प्रदेश भाजपा इकाई को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पूर्वोत्तर के लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

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मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘राजग पूर्वोत्तर के लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। असम बीटीसी चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए मैं असम भाजपा और सहयोगी यूपीपीएल को बधाई देता हूं और कामना करता हूं कि वे लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करें। राजग पर विश्वास जताने के लिए मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपीपीएल को 12 सीटें जीतने के लिए बधाई दी और कुछ ही समय बाद अपने ट्वीट में पार्टी को सहयोगी करार दिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘‘राजग ने असम बीटीसी चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। हमारे सहयोगी यूपीपीएल, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, हिमंत बिस्व सरमा, रंजीत दास और भाजपा की असम इकाई को बधाई। शाह ने कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित पूर्वोत्तर के संकल्प पर भरोसा करने के लिए असम के लोगों को धन्यवाद देता हूं। इनके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई नेताओं को इस जीत पर नए गठबंधन को बधाई दी। भाजपा, यूपीपीएल और जीएसपी के नव-निर्वाचित 21 बीटीसी सदस्य बाद में परिषद का गठन करने के वास्ते अपना दावा पेश करने के लिए राज्यपाल जगदीश मुखी से मिलने राजभवन गए। यूपीपीएल के प्रमुख के नेतृत्व में ये सभी सदस्य राजभवन गए थे, जिनके साथ नेडा के संयोजक हिमंत बिस्व सरमा भी थे। राज्यपाल वर्तमान में चेन्नई में हैं और दावा पत्र उनकी आयुक्त और सचिव मीनाक्षी सुंदरम द्वारा प्राप्त किया गया। सरमा ने संवाददाताओं से कहा कि फाइल राज्यपाल को भेजी जाएगी और अगर उन्हें यह संतोषजनक लगता है, तो वे मुख्य सचिव को नई परिषद के गठन का निर्देश देंगे। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि नई परिषद 15 दिसंबर तक पद ग्रहण कर लेगी। बीपीएफ के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर, सरमा ने कहा कि बीटीआर के लोगों ने बदलाव के लिए जनादेश दिया है और वे उनकी इच्छा के खिलाफ नहीं जा सकते। राज्य सरकार में बीपीएफ के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि यह 2016 में पांच साल के लिए बनाया गया था और यह अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा। बोडो ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि बीटीआर के लोगों ने उन्हें बदलाव लाने की जिम्मेदारी दी है और वे पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी के साथ ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा कि नए मुख्य कार्यकारी सदस्य के रूप में उनकी प्राथमिकता भ्रष्टाचार मुक्त परिषद सुनिश्चित करने और सभी समुदायों को साथ लेकर चलने की होगी ताकि वे शांति और सद्भाव से रह सकें। परिषद का चुनाव नई दिल्ली में 27 जनवरी को नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सभी चार धड़ों के नेताओं द्वारा नए बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद हुआ। असम के मुख्यमंत्री ने शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में शामिल चार जिलों- कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी के लोगों को धन्यवाद दिया। फरवरी 2003 में स्थापित बीटीसी में 40 निर्वाचित सदस्य होते हैं, इसके अलावा, छह अतिरिक्त नामित सदस्य होते हैं जो असम के राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक और मंत्री हिमंत बिस्व सरमा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत दास, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मंगलदोई के सांसद दिलीप सैकिया, यूपीपीएल के प्रमुख प्रमोद बोडो और जीएसपी प्रमुख और कोकराझार के सांसद नबा कुमार सरानिया के बीच कल रात से विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया। बीपीएफ इस चुनाव में 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। बीपीएफ प्रमुख हगरामा मोहिलरी ने इससे पहले परिषद के गठन में भाजपा से समर्थन देने की अपील की थी, क्योंकि दोनों पार्टियां अब भी राज्य और केंद्र में गठबंधन में हैं। पिछले 17 वर्षों से बीटीसी के सीईएम रहे मोहिलरी ने बीटीसी के मुख्यालय कोकराझार में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चूंकि हम दिसपुर में राज्य सरकार का हिस्सा हैं, इसलिए मैं भाजपा से बीपीएफ को बीटीसी में सरकार बनाने में मदद करने की अपील करता हूं। हमने भाजपा के साथ गठबंधन नहीं तोड़ा है और उसे गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए। सरमा ने कहा, यह जीत असम और पूर्वोत्तर को समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है। बीटीसी चुनाव का राज्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर विशेष महत्व है क्योंकि चार जिलों की कुल 14 विधानसभा सीटों पर फिलहाल बीपीएफ का कब्जा है। बीपीएफ ने 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से हाथ मिलाया था और उसके तीन विधायक प्रमिला रानी ब्रह्मा, चंदन ब्रह्मा और रिहोन डेमरी फिलहाल सोनोवाल मंत्रिमंडल में मंत्री हैं।

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