उत्तर प्रदेश में भाजपा, निषाद पार्टी मिलकर लड़ेंगे विधानसभा का चुनाव : धर्मेंद्र प्रधान

 Uttar Pradesh together

उत्‍तर प्रदेश में अगले वर्ष के शुरु में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में अगले वर्ष के शुरु में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) मिलकर चुनाव लड़ेंगे। यहां भाजपा मुख्यालय में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के लिए पार्टी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह तथा प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की मौजूदगी में इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा की गई।

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धर्मेंद्र प्रधान ने यहां आयोजित साझा पत्रकार वार्ता में कहा ‘‘ 2022का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावहम (भाजपा-निषाद) साथ मिलकर लड़ेंगे और आज दोनों दलों के नेताओं ने इसकी औपचारिक घोषणा की है।हमारे गठबंधन में अपना दल (सोनेलाल) भी जुड़ा है।’’ गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले डॉक्टर संजय निषाद ने भाजपा से खुद को उप मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुनाव मैदान में उतारने की मांग करते हुए दावा किया था कि राज्य में निषाद (मछुआरा) समाज के 18 प्रतिशत वोट हैं और 160 सीटों पर उनकी बिरादरी के मतदाताओं की निर्णायक भूमिका है। 2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के लिए अलग-अलग समय पर भाजपा से कोई न कोई शर्त रखने वाले डॉक्टर निषाद ने शुक्रवार की पत्रकार वार्ता में किसी सवाल का जवाब नहीं दिया और वह भाजपा नेताओं के बयान पर सहमति में सिर हिलाते रहे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने डॉक्टर अयूब के नेतृत्व वाली पीस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।

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तब निषाद पार्टी ने 72 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें भदोही जिले के ज्ञानपुर में पार्टी उम्मीदवार विजय मिश्रा को जीत मिली और निषाद को उन सीटों पर 3.58 प्रतिशत मत मिले थे जहां उसने उम्मीदवार उतारे थे। पीस पार्टी ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे 1.56 प्रतिशत मत मिले।राजनीतिक दल बनने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जातीय आधार पर अपना प्रभाव रखने वाली निषाद पार्टी का चुनाव मैदान में आने का वह पहला तर्जुबा था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से रिक्त हुई गोरखपुर संसदीय सीट पर 2018 में हुए उपचुनाव में संजय निषाद ने समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल किया और सपा ने उनके बेटे प्रवीण निषाद को गोरखपुर से उम्मीदवार बनाया। यह उपचुनाव प्रवीण जीत गये। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में संजय निषाद ने सपा से नाता तोड़कर भाजपा से गठजोड़ कर लिया। प्रवीण निषाद को इस बार भाजपा ने संत कबीर नगर से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीतकर दोबारा लोकसभा में पहुंच गये। उधर, भाजपा आम चुनाव में गोरखपुर सीट भी जीत गई। विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह पूछे जाने पर प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। हाल में हुए संजय निषाद के एक स्टिंग ऑपरेशन पर पूछे सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा उसके बाद भी हम मिल रहे हैं। एक टीवी चैनल द्वारा किये गये स्टिंग ऑपरेशन में संजय निषाद ने टिकट बेचने और चुनाव में हिंसा कराने का दावा किया था। हालांकि बाद में उन्होंने इससे इनकार करते हुए इसे साजिश करार दिया था।

निषाद को दी जाने वाली सीटों के बारे में प्रधान ने कहा कि सही समय पर निर्णय होगा। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने के बावजूद भाजपा द्वारा जातीय क्षत्रपों को साधने के सवाल पर प्रधान ने कहा कि 2022 के चुनाव में भाजपा अन्य समाज के लोगों को भी गहराई के साथ जोड़ने में सफल होगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा किसानों की असली हितैषी है और किसानों की आय दोगुनी करने को वचनबद्ध है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा ‘ निषाद पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है। लोकसभा चुनाव हमने साथ लड़ा था और विधानसभा चुनाव में भी हम मिलकर कमल खिलाएंगे।

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