पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को राज्यसभा भेजने की तैयारी में भाजपा
उत्तर प्रदेश में अरुण जेटली भाजपा कोटा से थे जबकि बिहार में राम जेठमलानी आरजेडी के कोटा से थे। लेकिन बिहार की बात करें तो आरजेडी इस स्थिति में नहीं है कि वह अपने दम पर किसी को राज्यसभा भेज सकें।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मनोज सिन्हा अब राज्यसभा के जरिए संसद भवन पहुंच सकते हैं। भाजपा उनके नाम को लेकर गंभीरता से विचार कर रही हैं। सूत्रों की मानें तो अरुण जेटली के निधन से उत्तर प्रदेश से खाली हुए राज्यसभा की एक सीट पर भाजपा मनोज सिन्हा को उम्मीदवार बना सकती है। 16वीं लोकसभा में गाजीपुर से सांसद रहे मनोज सिन्हा 2019 लोकसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी से हार गए थे। वह 16वीं लोकसभा में गाजीपुर से सांसद रहे मनोज सिन्हा 2019 लोकसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी से हार गए थे। वह 1996 और 1999 में भी गाजीपुर से सांसद रह चुके हैं।
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निर्वाचन आयोग ने चुनाव की घोषणा कर दी है। 16 अक्टूबर को चुनाव होंगे जिसकी प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है। मनोज सिन्हा मोदी सरकार पार्ट 1 में केंद्रीय मंत्री थे जिनके पास कई विभागों का जिम्मा था। मनोज साफ छवि के नेता हैं जिन्हें नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में से माना जाता है। एक समय वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की रेस में भी थे। हालांकि कुछ सूत्र यह भी कह रहे हैं कि उन्हें बिहार से भी राज्यसभा भेजा जा सकता है। बता दें कि राम जेठमलानी के निधन के बाद बिहार में भी राज्यसभा का एक सीट खाली हुआ है जिस पर भी 16 अक्टूबर को चुनाव होने हैं।
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उत्तर प्रदेश में अरुण जेटली भाजपा कोटा से थे जबकि बिहार में राम जेठमलानी आरजेडी के कोटा से थे। लेकिन बिहार की बात करें तो आरजेडी इस स्थिति में नहीं है कि वह अपने दम पर किसी को राज्यसभा भेज सकें। ऐसे में इस पर भाजपा और जदयू जो कि वर्तमान में सत्ता में है अपने-अपने दावे ठोकने लगे हैं। अगर नीतीश से भाजपा की बात अब बन जाती है तो हो सकता है मनोज सिन्हा को बिहार से भी राज्यसभा भेजा जाए। मनोज सिन्हा भूमिहार जाति से हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में भाजपा का समीकरण फिट बैठ सकता है। उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। हालांकि नामों पर आखिरी फैसला अमित शाह को ही लेना है इसलिए इंतजार करना होगा।
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