समस्या सिर पर आने पर आती है केंद्र की याद, ममता के पत्र पर बीजेपी ने कसा तंज, कहा- पिछले 1 साल में क्या किया?

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अभिनय आकाश । Sep 20 2024 5:47PM

केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि समस्या यह है कि जब समस्या आपके सिर पर आ जाती है, तभी आप मदद के लिए केंद्र सरकार की ओर देखते हैं। बाढ़ प्रबंधन पहले से किए जाने की जरूरत है, पिछले 1 साल में उन्होंने क्या किया? बंगाल में हर साल बाढ़ आती है, ऐसे में सरकार को इसके लिए कदम उठाने की जरूरत है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य में आई बाढ़ के बारे में पत्र लिखा। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ संबंध तोड़ने की अपनी बात दोहराते हुए उन्होंने कहा कि डीवीसी ने करीब 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिससे दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ आ गई है। अब इसको लेकर बीजेपी की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि समस्या यह है कि जब समस्या आपके सिर पर आ जाती है, तभी आप मदद के लिए केंद्र सरकार की ओर देखते हैं।  बाढ़ प्रबंधन पहले से किए जाने की जरूरत है, पिछले 1 साल में उन्होंने क्या किया? बंगाल में हर साल बाढ़ आती है, ऐसे में सरकार को इसके लिए कदम उठाने की जरूरत है।

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भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं, सरकार की ओर से कोई राहत कार्य नहीं किया गया है। भाजपा और गैर सरकारी संगठन व्यक्तिगत तौर पर राहत कार्य कर रहे हैं... उन्होंने(TMC) कोई काम नहीं किया है। ममता बनर्जी और उनकी सरकार इस बाढ़ के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। इससे पहले पीएम मोदी को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य इस समय लोअर दामोदर और आसपास के क्षेत्रों में 2009 के बाद सबसे बड़ी बाढ़ का सामना कर रहा है। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आप इस मामले पर गंभीरता से विचार करें और संबंधित मंत्रालयों को इन मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में हल करने का निर्देश दें, जिसमें सबसे अधिक पीड़ित लोगों के हित में व्यापक बाढ़ प्रबंधन कार्य करने के लिए पर्याप्त केंद्रीय निधियों की मंजूरी और रिलीज शामिल हो।

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बनर्जी ने कहा कि राज्य के निचले दामोदर और आसपास के इलाकों में 2009 के बाद सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। 1,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र प्रभावित है और राज्य के लगभग 50 लाख लोग फसलों के नुकसान, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और घरों, मवेशियों सहित निजी संपत्तियों के नुकसान के कारण दुखों के भंवर में फंस गए हैं... मैं इसे मानव निर्मित बाढ़ कहने के लिए मजबूर हूं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ही खतरे के निशान के करीब बह रही नदियों के निचले प्रवाह की गंभीर स्थिति के बारे में राज्य सरकार के अधिकारियों ने डीवीसी अधिकारियों को बताया और साथ ही समय-समय पर छोड़े जाने वाले पानी को स्थगित करने का अनुरोध भी किया।  

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