लोकसभा चुनाव को ‘खाकी चुनाव’ में तब्दील करने की कोशिश कर रही भाजपा: थरूर
थरूर के अनुसार भूख, गरीबी और बीमारियों का ‘‘दैनिक आतंकवाद’’ भारत के लाखों लोगों के दिलों पर हमला करता है और सरकार को इससे भी निपटना चाहिए।
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव ‘‘किसी एक क्षण की त्रासदी’’ पर नहीं, बल्कि गरीबी और बीमारी जैसे ‘‘सार्वकालिक मुद्दों’’ पर लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार पुलवामा हमले के बाद 2019 के चुनाव को ‘‘खाकी चुनाव’’ में तब्दील करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को 40 सीआरपीएफ जवानों की जान लेने वाले पुलवामा हमले के समय तक माहौल कांग्रेस के पक्ष में था और उसके बाद से सरकार लोकसभा चुनाव को ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा आधारित चुनाव’’ बनाने का प्रयास कर रही है। थरूर ने कहा, ‘‘जिस समय पुलवामा त्रासदी हुई उस समय तक के अनुमानों के अनुसार हम बहुत अच्छा कर रहे थे और सभी आकलन तथा माहौल हमारे अनुकूल था। इसके बाद, सरकार ने इसे खाकी चुनाव, राष्ट्रीय सुरक्षा आधारित चुनाव बनाने की कोशिश की है।’’
Phenomenal turnout of grassroots workers and political leadership at the @udfkerala Thiruvananthapuram Parliamentary Convention - our campaign will be gruelling, but it is as much a celebration of democracy as it is a fight for our country's soul. pic.twitter.com/kWRfFqpNJa
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 19, 2019
थरूर इस बार तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से हैट ट्रिक की उम्मीद लगाए हुए हैं। पूर्व राजनयिक ने कहा, ‘‘वे (भाजपा नीत सरकार) अपने इस राष्ट्रवादी संदेश का प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं कि वे खतरे के समय देश को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, जो मेरे और मेरी पार्टी के हिसाब से देश के समक्ष कोई प्रमुख चुनौती नहीं है।’’ थरूर के अनुसार भूख, गरीबी और बीमारियों का ‘‘दैनिक आतंकवाद’’ भारत के लाखों लोगों के दिलों पर हमला करता है और सरकार को इससे भी निपटना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को कमतर नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं कह रहा हूं कि चुनाव किसी एक क्षण की त्रासदी पर नहीं, बल्कि सार्वकालिक मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए।’’थरूर ने कहा, ‘‘लेकिन, हर रोज त्रासदी होती है, भूख, गरीबी, बीमारियों का दैनिक आतंकवाद, यह भी एक आतंकवाद है जो हमारे लाखों साथी भारतीयों के दिलों पर हमला करता है और सरकार को इससे भी निपटना चाहिए।’’ उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि कुछ सर्वेक्षणों में कहा गया है कि आतंकी हमले के बाद भाजपा की संभावनाओं में सुधार हुआ है और कहा कि यह उनकी पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को असल मुद्दों की याद दिलाए।
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तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि भाजपा के शासन के तहत भारत के चरित्र में नाटकीय बदलाव आया है। थरूर ने कहा कि पिछले चार साल में सभी हिंसक सांप्रदायिक घटनाओं में से लगभग 97 प्रतिशत घटनाएं गौरक्षा के नाम पर हुईं। उन्होंने कहा, ‘‘और ये आंकड़े गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा जारी किए गए हैं। कांग्रेस या किसी एनजीओ द्वारा नहीं। ये सरकारी आंकड़े हैं। यह बहुत ही गंभीर संकट है।’’थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘प्रफुल्लित बहुसंख्यकवाद हिंसा का जश्न मनाता है’’ और ‘‘प्रधानमंत्री चुप रहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की चीजों को माफ करना हमारे लोकतंत्र की मूल अवधारणा पर गंभीर हमला है।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र इस संवैधानिक व्यवस्था को कमतर करने की कोशिश कर रहा है कि भारत सभी धर्मों का देश है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि लोग भाजपा को उखाड़ फेंकेंगे क्योंकि पार्टी दूसरी बार सत्ता में आने की हकदार नहीं है। थरूर ने किसानों के मुद्दे पर कहा, ‘‘दुखद है कि भारत में आतंकवाद से होने वाली मौतों की तुलना में किसान कहीं ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं। मैं यह नहीं कह रहा कि हमें कमतर (सुरक्षा) करना चाहिए...हमें अपने देश को सुरक्षित भी रखना चाहिए, लेकिन हम चाहते हैं कि लोगों की मौजूदा असल समस्याओं का भी समाधान हो, जिनमें बड़े स्तर का कृषि संबंधी संकट भी शामिल है। इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि केरल में आठ किसानों ने आत्महत्या की है।’’
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