चुनाव के दौरान विपक्षियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को इस्तेमाल करती है भाजपा: बघेल

Bhupesh Baghel

बघेल के लखनऊ से बुधवार को रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचने पर संवाददाताओं ने उनसे चन्नी के भतीजे के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बारे में सवाल किया, तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा किजहां-जहां चुनाव होते हैं, उन राज्यों में विपक्ष के लोगों के परिसरों परछापे मारे जाते हैं, ताकि लोगों को डराया- धमकाया जा सके।

रायपुर| छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के एक रिश्तेदार के परिसरों पर छापेमारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की बुधवार को आलोचना की और भगवा पार्टी पर चुनाव के दौरान राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

बघेल के लखनऊ से बुधवार को रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचने पर संवाददाताओं ने उनसे चन्नी के भतीजे के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बारे में सवाल किया, तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां-जहां चुनाव होते हैं, उन राज्यों में विपक्ष के लोगों के परिसरों पर छापे मारे जाते हैं, ताकि लोगों को डराया- धमकाया जा सके।

बघेल ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रिश्तेदारों के यहां छापा क्यों नहीं पड़ा। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों के यहां छापा क्यों नहीं पड़ा, गोवा के मुख्यमंत्री के यहां भी छापा नहीं पड़ा। क्यों विपक्षी राज्यों में छापा पड़ता है। मतलब जहां चुनाव होते हैं, वहां केंद्रीय एजेंसियों को शामिल किया जाता है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जैसे पाकिस्तान के बारे में कहा जाता है कि वहां क्रिकेट में 11 नहीं 13 खिलाड़ी खेलते हैं। वहां दो अंपायर भी खेलते हैं। ऐसी ही स्थिति यहां है, भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ती है, तो केंद्रीय एजेंसियां भी उसके साथ रहती हैं। अंपायर की तरह सीबीआई, ईडी, आईबी, सब शामिल हो जाते हैं।

बघेल ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है। वहां की जनता परेशान है। जो ​जाति और धर्म की राजनीति कर रहे हैं, उनसे वहां की जनता ऊब चुकी है। वह अपनी समस्याओं का निदान चाहती है। महंगाई बढ़ी हुई है। बेरोजगारी बढ़ी हुई है।

रोजगार कहीं मिल नहीं रहा। किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा। जानवर खुले में घूम रहे हैं। फसल बचाना मुश्किल है। इन सब मुद्दों को लेकर वहां के सभी लोग परेशान हैं, फिर भले ही वह किसान हो या नौजवान हो।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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