75 पार नेताओं को झटका ! आडवाणी, जोशी सहित कई नेताओं को टिकट नहीं देगी BJP

BJP will not give lok sabha election ticket to advani

लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस चुकी भारतीय जनता पार्टी ने जहां विभिन्न राज्यों में संगठन को चुस्त-दुरुस्त करना शुरू कर दिया है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों के कामकाज पर गहरी निगाह रखे हुए हैं।

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस चुकी भारतीय जनता पार्टी ने जहां विभिन्न राज्यों में संगठन को चुस्त-दुरुस्त करना शुरू कर दिया है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों के कामकाज पर गहरी निगाह रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में अपने नमो एप पर सांसदों के कामकाज पर जनता की राय मांगी थी। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोगों ने अपने अपने क्षेत्र के सांसदों के बारे में राय जाहिर की है और अब लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन करते हुए जनता की राय पर भी गौर किया जायेगा।

75 पार नेताओं को नहीं मिलेगा टिकट ?

भाजपा ने हालांकि अभी उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है लेकिन पार्टी सूत्रों ने कहा कि एक फार्मूला जरूर करीब करीब तय हो गया है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टिकट नहीं दिया जायेगा। यदि ऐसा होता है तो पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार, करिया मुंडा, कलराज मिश्र, हुकुम देव नारायण यादव, भुवन चंद्र खंडूरी आदि नेता लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस प्रकार की भी खबरें हैं कि लोकसभा चुनावों से ठीक पहले इनमें से कुछ नेताओं को राज्यपाल का पद दिया जा सकता है।

नामी प्रोफेशनल्स भी होंगे चुनाव मैदान में !

पार्टी की योजना अपने क्षेत्रों में नाम कमा चुके कुछ प्रोफेशनल्स को भी चुनाव मैदान में उतारने की है क्योंकि प्रधानमंत्री का शायद ऐसा मानना है कि यह लोग सरकार में ज्यादा सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। हाल ही में सरकार ने प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिश मानते हुए कुछ मंत्रालयों में संयुक्त सचिव स्तर की नियुक्ति निजी क्षेत्र के लिए खोली थी।

150 सांसदों के टिकट कटने की है रिपोर्ट

इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्टें ऐसी भी आयी थीं कि भाजपा ने एक अंदरूनी सर्वेक्षण के आधार पर अपने 150 सांसदों के टिकट काटने का फैसला किया है। हालांकि पार्टी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में सांसदों के टिकट कटेंगे। नरेंद्र मोदी गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए भी विधानसभा चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में विधायकों के टिकट काटते रहे हैं ताकि स्थानीय विधायक के खिलाफ माहौल पार्टी के लिए नुकसानदेह ना हो। अब वही फॉर्मूला लोकसभा चुनावों में भी अपनाया जा सकता है। इस प्रकार की भी खबरें हैं कि पार्टी के कई बड़े दिग्गज इस बार लोकसभा चुनावों से दूर रहकर राज्यसभा की राह पकड़ सकते हैं।

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