राहुल पर भाजपा का हमला, गलवान मुद्दे पर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश: अमरिंदर सिंह

Amarinder Singh

स्वयं भूतपूर्व सैनिक रह चुके अमरिंदर सिंह ने समिति की एक बैठक को याद करते हुए कहा कि उन्होंने गोलाबारूद की कमी का सवाल उठाया और उन्हें बताया गया कि इस कमी को पांच साल में सुलझा लिया जाएगा। इस पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था कि फिर पाकिस्तान और चीन से पांच साल रुकने के लिए कहा जाए।

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गलवान घाटी के मुद्दे पर राहुल गांधी की गयी आलोचना पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि यह केंद्र की नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने की ‘‘हताश’’ कोशिश है। उल्लेखनीय है कि नड्डा ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वह रक्षा मामलों की संसदीय स्थायी समिति की एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए एवं आरोप लगाया कि कांग्रेस सांसद देश का ‘मनोबल गिराने’ का प्रयास कर रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर राहुल गांधी द्वारा लगातार पूछे जा रहे प्रासंगिक प्रश्नों का उत्तर देने में नाकाम रहने के बाद भाजपा नीत केंद्र सरकार अब ‘‘हताशा’’ में उन पर निजी हमला कर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘न केवल राहुल बल्कि पूरा देश उन प्रश्नों का उत्तर चाहता है, जो न केवल हमारे सैनिकों को बल्कि हर भारतीय को छूते हैं और जो जानना चाहते हैं कि 15 जून को गलवान घाटी में क्या गलत हुआ।’’ सिंह ने कहा कि राहुल लंबे समय से चीन के मुद्दे पर उनसे चर्चा करते रहे हैं और इस मामले को लेकर चिंतित है जबकि केंद्र गलवान में गतिरोध का कड़ाई से इंकार करता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा किदबिना भारतीय इलाके में घुसपैठ किए बिना चीन कैसे पीछे हट रहा है? उन्होंने कहा कि ये वे सवाल है जो राहुल गांधी उठा रहे हैं। सिंह ने रेखांकित किया इन सवालों का जवाब देने के बजाय भाजपा नीत भारत सरकार अब भी इन सब से इनकार कर रही है। नड्डा द्वारा रक्षा मामलों की स्थायी समिति की एक भी बैठक में राहुल के शामिल नहीं होने की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने सीमा पर जारी गतिरोध के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि समिति युद्ध क्षेत्र संबंधी जमीनी फैसले नहीं लेती। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ स्थायी समिति सीमा पर बिना हथियार या अपर्याप्त हथियारों के साथ सैनिकों को भेजने का फैसला नहीं करती और न ही इस स्थिति पर नीतिगत फैसला लेती है कि सैनिक को गोली चलानी चाहिए या नहीं।’’ पिछले कार्यकाल में सांसद रहते हुए रक्षा मामलों की स्थायी समिति के सदस्य के तौर पर अपने अनुभवों को साझा करते हुए सिंह ने कहा कि इन बैठकों में हथियारों की कमी और खरीद जैसे मुद्दों पर चर्चा होती है और उनके सुझावों को अभिलेखागार में भेज दिया जाता है। 

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स्वयं भूतपूर्व सैनिक रह चुके अमरिंदर सिंह ने समिति की एक बैठक को याद करते हुए कहा कि उन्होंने गोलाबारूद की कमी का सवाल उठाया और उन्हें बताया गया कि इस कमी को पांच साल में सुलझा लिया जाएगा। इस पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था कि फिर पाकिस्तान और चीन से पांच साल रुकने के लिए कहा जाए। उन्होंने कहा कि यहां तक कि करगिल युद्ध के दौरान भारत ने ऊंची कीमत पर इजराइल और दक्षिण अफ्रीका से हथियार खरीदे। सिंह ने कहा कि लंबे समय से हथियारों की कमी की वजह से सैनिकों को हथियारों का परीक्षण करने का मौका लड़ाई में ही मिलता है। मुख्यमंत्री ने नड्डा द्वारा राहुल पर देश का मनोबल गिराने और सशस्त्र बलों की वीरता पर सवाल उठाने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद वास्तव में देश और सेना के हितों को देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ यह तथ्य है कि प्रत्येक भारतीय की तरह राहुल गांधी के पास भी सरकार से सवाल करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। उनके द्वारा उठाए गए सवाल यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि हम दोबारा उनके चंगुल में नहीं फंसे और इसका अंत हमारे सैनिकों की बहुमूल्य प्राणों के बलिदान से न हो जैसा कि गलवान में हुआ।’’ मुख्यमंत्री ने नड्डा की ‘वंशवाद की परंपरा’ संबंधी टिप्पणी की भी आलोचना की और कहा कि राहुल लोकसभा में जनता के मतों से जीत कर आए हैं न कि परिवार की वजह से।

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