मेरठ में एसएसपी आवास के पास मिला व्यापारी का कार में गोली लगा खून से लथपथ शव, जांच में जुटी पुलिस

 खून से लथपथ शव
राजीव शर्मा । Feb 12 2022 11:13AM

मेरठ में गाड़ी के अंदर एक व्‍यापारी का शव मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस की शुरुआती जांच में आत्महत्या का मामला प्रकाश में आया। स्वजन का आरोप कर्ज के चलते फाइनेंसर बना रहा था दबाव तनाव में थे। जांच की जा रही है।

मेरठ में एसएसपी आवास से चंद कदम दूर कार के अंदर व्यापारी का खून से लथपथ शव मिलने से हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में एसएसपी व एसपी सिटी के साथ फारेंसिक टीम पहुंच गई। मृतक व्यापारी के हाथ में पिस्टल थी। मृतक के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। पुलिस हत्या और आत्महत्या को लेकर जांच में जुट गयी। कार में मौजूद दस्तावेजों के जरिए पुलिस ने व्यापारी के स्वजन से संपर्क किया। स्वजन ने बताया कि उन पर एक फाइनेंसर दबाव बना रहा था। जिस वजह से वह तनाव में थे।

सिविल लाइन इलाके में मोहनपुरी के रहने वाले योगेंद्र सिंह (48) की पीएल शर्मा रोड पर इनवर्टर-बैटरी की दुकान है। इनकी पत्नी अनुपमा शिक्षिका है। योगेंद्र शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे दुकान से मारुति-800 कार से निकले थे। शाम 5.30 बजे कार एसएसपी आवास के पास आईसीआईसीआई बैंक के पास खड़ी मिली। कुछ लोगों ने कार में लाश देख पुलिस को सूचना दी। सूचना पर लालकुर्ती और सिविल लाइन थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कार खुलवा कर देखा तो कारोबारी सुसाइड कार की सीट पर खून से लथपथ हालत में पड़ा था। पुलिस को कार से लाइसेंसी पिस्टल, एक खोखा और मोबाइल फोन मिला है। 

पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया है। पुलिस ने बताया की सुसाइड नोट में लिखा हुआ था कि आज मैं मर रहा हूं। मरने के अलावा कोई चारा नहीं है। सुसाइड नोट में फाइनेंसर का जिक्र था। इसमें लिखा है की फाइनेंसर मुझ पर दबाव बना रहा है। पुलिस को कार में लाइसेंसी पिस्टल भी बरामद की है। इस मामले में परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया की वह कुछ समय से तनाव में थे। पुलिस को कार से डिपरेशन की दवाई भी मिली हैं।

मृतक के भाई दीपक चौधरी ने फाइनेंसर राजकुमार सिरोही पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। बताया कि पांच लाख रुपये ब्याज पर लिए थे। राजकुमार ने चक्रवृद्धि ब्याज लगा दिया और दबाव बनाया जा रहा था। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों से परिवार के लोगों ने भी बताया कि योगेंद्र चौधरी ने फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था और हर महीने 11 हजार रुपये पैसा जमा भी किया जा रहा था। फाइनेंसर के दबाव में ही आत्महत्या की है। कनपटी के पास गोली मारकर कारोबारी ने जान दी है।

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