जैसे ही संभव होगा, दसवीं एवं बारहवीं के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएंगी: एचआरडी मंत्रालय

HRD Ministry

सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के बारे में हाल में काफी अटकलें लगाई गई हैं। बोर्ड का 10वीं, 12वीं कक्षा के 29 विषयों की परीक्षा लेने को लेकर रूख वही है जिसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के बारे में रूख में कोई बदलाव नहीं आया हैपरीक्षा आयोजित की जायेगी।

नयी दिल्ली। जैसे ही संभव होगा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के लिये लंबित 29 महत्वपूर्ण विषयों की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को तैयार है। अधिकारियों ने इस आशय की जानकारी दी। मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि जो परीक्षाएं पहले ली जा चुकी हैं, उनके मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की जाए और केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में मदद की जाए। वहीं, बोर्ड 10वीं और 12वीं की 29 महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा आयोजित करने को तैयार है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ. सन्याम भारद्वाज ने कहा, ‘‘ सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के बारे में हाल में काफी अटकलें लगाई गई हैं। बोर्ड का 10वीं, 12वीं कक्षा के 29 विषयों की परीक्षा लेने को लेकर रूख वही है जिसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के बारे में रूख में कोई बदलाव नहीं आया हैपरीक्षा आयोजित की जायेगी।’’ सीबीएसई अधिकारियों का यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब परीक्षा आयोजित किये जाने को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई थी और कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही थीं। बहरहाल, मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ हम 10वीं एवं 12वीं कक्षा के लिये बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की खातिर तैयार हैं जो देश में कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण लंबित है। यह परीक्षा उन 29 विषयों के लिये यथा-संभव समय पर आयोजित की जायेगी जो अगली कक्षा में प्रोन्नति और स्नातक कोर्स में दाखिले के लिये महत्वपूर्ण हैं। ’’ उन्होंने कहा कि छात्रों को परीक्षा आयोजित किये जाने से कम से कम 10 दिन पहले नोटिस दिया जायेगा। अधिकारी ने कहा, ‘‘ राज्यों से कहा गया है कि जिन विषयों की परीक्षा पहले ही ली जा चुकी है, उनकी मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू की जाए।’’ उन्होंने बताया कि सीबीएसई 29 विषयों की सूची से बाहर के विषयों में अंक देने या मूल्यांकन करने के लिये निर्देश जारी करेगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण 10वीं एवं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आठ निर्धारित परीक्षा तिथियों को आयोजित नहीं की जा सकी थी। इसके अलावा, उत्तर पूर्व दिल्ली में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के कारण भी परीक्षा चार तय परीक्षा तिथियों को नहीं ली जा सकी थी। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ चर्चा की थी। 

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुझाव दिया था कि छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक दिया जाना चाहिए क्योंकि अभी लंबित परीक्षाएं आयोजित करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजित करने में देरी के कारण दिल्ली के छात्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे क्योंकि विभिन्न राज्यों के अपने अपने बोर्ड हैं। चर्चा के दौरान विभिन्न राज्यों ने अपने अपने राज्य बोर्ड से जुड़े विचार रखे। बिहार बोर्ड ने परिणाम घोषित करने एवं मूल्यांकन की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश जल्द ही इस बारे में फैसला करेगा। एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, अभी की स्थिति में इंजीनियरिंग और मेडिकल में दाखिले के लिये जेईई और नीट सहित प्रतियोगिता परीक्षा जून में आयोजित करने की योजना है। स्नातक संकाय में दाखिले के लिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नये शैक्षणिक सत्र के लिये वैकल्पिक कैलेंडर पर काम कर रहा है जिसकी अधिसूचना एक सप्ताह में जारी किए जाने की उम्मीद है। इस मुद्दे पर अध्ययन करने के लिये गठित सात सदस्यीय पैनल ने सुझाव दिया कि स्नातक दाखिले की प्रक्रिया जुलाई-अगस्त में शुरू की जाए और नया सत्र सितंबर से शुरू हो। लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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