लोजपा में टूट, पांच सांसदों ने चाचा पशुपति को नेता माना, अकेले पड़े चिराग

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अंकित सिंह । Jun 14 2021 10:17AM

पटकथा को रंग देने में ललन सिंह की काफी भूमिका मानी जा रही है। हालांकि सूत्र यह भी बता रहे हैं कि यह तमाम सांसद लोजपा पर भी अपना दावा ठोक सकते हैं। अब देखना होगा कि आखिर चिराग पासवान की राजनीतिक विरासत किधर जाती है। माना जा रहा है कि आज पशुपति पारस शाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी बातों का जिक्र कर सकते हैं।

बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है। खबर आ रही है कि रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। पार्टी में सिर्फ चिराग पासवान अकेले बचे हैं। पार्टी के पांच सांसद चिराग पासवान के चाचा और रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस के नेतृत्व में पार्टी से अलग होने का मन बना चुके हैं। माना जा रहा है कि इस बात को लेकर बैठक हो गई है और बस अब ऐलान होना बाकी है। हैरानी की बात यह है कि पार्टी में बगावत खुद चिराग पासवान के चाचा ने की है। इसमें चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज में शामिल हैं। पार्टी के पांचो सांसद चिराग पासवान से नाराज बताए जा रहे हैं। इन लोगों को चिराग पासवान की कार्यशैली पसंद नहीं है। विधानसभा चुनाव के वक्त से यह सभी नाराज चल रहे हैं।

सूत्रों की माने तो पशुपति पारस पासवान को नया नेता चुना गया है। बागी सांसदों ने तो चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से भी इंकार कर दिया है। अटकलें यह भी लगाई जा रही है कि चिराग पासवान से नाराज इन 5 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी भी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने अपने गुट को अलग से मान्यता देने की मांग की है। दावा किया जा रहा है कि यह गूट जदयू में विलय की तैयारी में भी है। बगावत करने वाले सांसदों में चिराग के चाचा पशुपति पारस पासवान, चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह, महबूब अली केसर और विणा देवी शामिल हैं। 

पशुपति पारस रामविलास पासवान की पारंपरिक हाजीपुर से लोकसभा के सांसद हैं। बगावत के बाद पार्टी में चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं। माना जा रहा है कि इस सियासी हलचल की पटकथा काफी पहले ही लिखी जा चुकी थी। लेकिन चिट्ठी लीक होने के बाद इस मसले को लेकर विधानसभा चुनाव के दौरान पशुपति पारस को सफाई देनी पड़ी थी। पशुपति पारस काफी दिनों से जदयू सांसद ललन सिंह के संपर्क में थे। पटकथा को रंग देने में ललन सिंह की काफी भूमिका मानी जा रही है। हालांकि सूत्र यह भी बता रहे हैं कि यह तमाम सांसद लोजपा पर भी अपना दावा ठोक सकते हैं। अब देखना होगा कि आखिर चिराग पासवान की राजनीतिक विरासत किधर जाती है। माना जा रहा है कि आज पशुपति पारस शाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी बातों का जिक्र कर सकते हैं। 

चिराग पासवान के खिलाफ एकजुट हुए लोजपा सांसद

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में दरार पड़ने के संकेत मिल रहे हैं और समझा जा रहा है कि उसके छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद पर चुनने के लिए हाथ मिला लिया है। सूत्रों ने बताया कि सांसदों के इस समूह ने लोकसभा अध्यक्ष को अपना यह निर्णय बता दिया है। हालांकि चिराग पासवान या असंतुष्ट खेमे की ओर से इस संदर्भ में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सूत्रों ने बताया कि असंतुष्ट सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं। 2020 में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। उनके करीबी सूत्रों ने जनता दल (यूनाइटेड) को इस बंटवारे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पार्टी लंबे समय से लोजपा अध्यक्ष को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही थी क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जाने के चिराग के फैसले से सत्ताधारी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था। सूत्रों ने बताया कि नाराज लोजपा सांसदों का समूह भविष्य में जद (यू) का समर्थन कर सकता है।

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