‘बुली बाई’ एप विवाद : बसपा सांसद का सरकार पर मुस्लिम महिलाओं के प्रति ‘उदासीन’ होने का आरोप

Danish Ali

बुली बाई’ मोबाइल एप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं ‘‘नीलामी’’ के लिए सूचीबद्ध की गयी तथा वहां उनकी तस्वीरें बिना अनुमति के डाली गयीं और उनसे छेड़छाड़ की गयी। एक साल से भी कम वक्त में यह दूसरी बार हुआ है।

नयी दिल्ली|  बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर मुस्लिम महिलाओं के प्रति ‘‘उदासीन’’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि साइबर अपराधियों की ‘बुली बाई’ एप पर उन्हें अपमानित करने की हिम्मत न होती अगर पिछले साल आयी ऐसी ही मोबाइल ऐप बनाने वालों के खिलाफ ‘‘सख्त कार्रवाई’’ की गयी होती।

गौरतलब है कि ‘बुली बाई’ मोबाइल एप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं ‘‘नीलामी’’ के लिए सूचीबद्ध की गयी तथा वहां उनकी तस्वीरें बिना अनुमति के डाली गयीं और उनसे छेड़छाड़ की गयी। एक साल से भी कम वक्त में यह दूसरी बार हुआ है।

अली ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है और मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा के बारे में बात करती है लेकिन सच्चाई ‘‘अलग है’’।

उन्होंने कहा , ‘‘ पहले भी गिटब मंच पर एक ऐसा ही नफरत फैलाने वाला एप सुल्लीडील शुरू किया गया था लेकिन सरकार ने अपनी आंखें फेर लीं क्योंकि उसे महिलाओं की सुरक्षा एवं गरिमा का नहीं, बल्कि बस अपने वोटबैंक की परवाह है।’’

न्होंने कहा, ‘‘यदि पिछले साल जुलाई में सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिलाओं की शर्मनाक ‘नीलामी‘ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गयी होती तो साइबरअपराधियों का मनोबल इतना नहीं बढ़ता है और वे एक बार फिर देश की बेटियों को अपमानित करने की हिम्मत नहीं करते।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुस्लिम महिलाओं के प्रति सरकार की यह उदासीनता सरकार की मंशा पर बड़ा प्रश्न चिह्न लगाती है।’’

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दिल्ली पुलिस ने ‘बुली बाई’ एप के डेवलेपर के बारे में गिटहब मंच से जानकारियां मांगी है और ट्विटर को पत्र लिखकर उस अकाउंट की जानकारी मांगी है जिसने सबसे पहले ऐप के बारे में पोस्ट किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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