बजट सत्र अत्यंत सार्थक व उत्पादक रहा: सुमित्रा
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सत्र के दौरान आम बजट पास होने के साथ जीएसटी से जुड़े विधेयक समेत 23 विधेयक पारित हुए तथा 29 बैठकों में करीब 177 घंटे तक कार्यवाही चली।
बजट सत्र को अत्यंत सार्थक, उत्पादक और सांसदों की साख के लिए अनुकूल करार देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कहा कि सत्र के दौरान आम बजट पास होने के साथ जीएसटी से जुड़े विधेयक समेत 23 विधेयक पारित हुए तथा 29 बैठकों में करीब 177 घंटे तक कार्यवाही चली। लोकसभा अध्यक्ष ने इसके साथ ही आज बजट सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। सुमित्रा ने कहा कि इस सत्र के दौरान कुल 29 बैठकें हुईं जो 176 घंटे और 39 मिनट तक चलीं। इसमें से 7 बैठकें पहले भाग में और 22 बैठकें दूसरे भाग में हुईं। इस सत्र के दौरान 24 सरकारी विधेयक पुन:स्थापित किये गए और कुल मिलाकर 23 विधेयक पारित किये गए।
बजट सत्र के पहले भाग का प्रारंभ राष्ट्रपति द्वारा 31 जनवरी 2017 को केंद्रीय कक्ष में दोनों सभाओं के सदस्यों को संबोधन के साथ प्रारंभ हुआ। एक ऐतिहासिक कदम के रूप में वर्ष 2017.18 का केंद्रीय बजट। फरवरी 2017 को सामान्य और रेल दोनों बजटों को एक साथ मिलाकर पेश किया गया। सुमित्रा महाजन ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 10 घंटे 38 मिनट तक चर्चा हुई और 7 मार्च को इस प्रस्ताव को पारित किया गया। 2017.18 के केंद्रीय बजट पर चर्चा 8 और 9 फरवरी को 9 घंटे 58 मिनट तक चली। 9 फरवरी 2017 को सत्रावकाश किया गया ताकि विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के अनुदान की मांगों पर विचार किया जा सके। दूसरे भाग में रेल, कृषि एवं किसान कल्याण, रक्षा, गृह मंत्रालयों की अनुदन की मांगों पर 28 घंटे से अधिक समय तक चर्चा के बाद उसे स्वीकृति दी गई। सत्र के दौरान 2016.17 के लिए अनुदान की अनुपूक मांगों (रेल) और वर्ष 2013.14 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों (रेल) एवं संबंधित विनियोग विधेयक पारित किये गए। अध्यक्ष ने कहा, ''इस सत्र में व्यवधानों के कारण 8 घंटे 12 मिनट का समय व्यर्थ हुआ और सभा ने 28 घंटे 40 मिनट देर तक बैठकर अविलम्बनीय सरकारी कार्य किया। यह अत्यंत सार्थक और उत्पादक सत्र रहा जो हमारी साख के लिए अनुकूल है।’’ उन्होंने कहा कि विधायी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जीएसटी से संबंधित चार विधेयकों का पारित होना रही।
लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि 2017 के वित्त विधेयक पर 21 और 22 मार्च को 8 घंटे 41 मिनट चर्चा हुई और इसे पारित किया गया। वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले पूरी बजट प्रक्रिया को पूरा करना हमारे सांसदों की उल्लेखनीय उपलब्धि रही है। इसकी सराहना मैं 5 अप्रैल 2017 को भी कर चुकी हूं। इससे जन कल्याणकारी कार्यों के लिए 1 अप्रैल से धनराशि उपलब्ध हो गई। सत्र के दौरान 560 तारांकित प्रश्नों में से 136 से अधिक प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए। इस प्रकार से औसतन 4.68 प्रश्नों के उत्तर दिये गए। शेष तारांकित प्रश्नों के लिए लिखित उत्तर 644 अतारांकित प्रश्नों के साथ सभा पटल पर रखे गए। सदस्यों ने प्रश्नकाल के बाद और सभा के औपचारिक कार्य के समापन के बाद शाम को देर तक बैठ कर 541 लोक महत्व के मामले उठाए। सदस्यों ने नियम 377 के अधीन भी 494 मामले उठाए। इस सत्र के दौरान विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 68 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सभा में सतत विकास लक्ष्यों के बारे में नियम 193 के अधीन अल्पकालीक चर्चा की और यह चर्चा अभी जारी है। संसदीय कार्य मंत्री ने सरकारी कार्य के बारे में 5 वक्तव्य दिये, साथ ही विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर मंत्रियों द्वारा 51 वक्तव्य दिये गए। सत्र के दौरान संबंधित मंत्रियों ने 1864 पत्र सभा पटल पर रखे।
सत्र के दौरान मजदूरी संदाय संशोधन विधेयक 2017, विनिर्दिष्ट बैंक नोट दायित्व समाप्ति विधेयक 2017, प्रसूति प्रसुविधा संशोधन विधेयक 2016, राज्यसभा द्वारा यथापारित नावधिकरण समुद्री दावा की अधिकारिता और निपटारा विधेयक 2016, शत्रु सम्पत्ति संशोधन एचं विधिमान्यकरण विधेयक 2016, संविधान अनुसूचित जातियां आदेश संशोधन विधेयक 2017, मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक 2016 पारित किये गए।
सत्र के दौरान राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी, विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान दूसरा संशोधन विधेयक 2016, फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान विधेयक 2017, कराधान विधि संशोधन विधेयक 2017, मोटर यान संशोधन विधेयक 2016, संविधान 123वां संशोधन विधेयक 2017, मानव रोगक्षम अल्पता विषाणु और अर्जित रोगक्षम अल्पता संलक्षण निवारण एवं नियंत्रण विधेयक 2017 को भी पारित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जहां तक गैर सरकारी सदस्यों के कार्य का संबंध है, सत्र के दौरान सदस्यों द्वारा 158 गैर सरकारी विधेयक पुन:स्थापित किये गए। इस सत्र के दौरान कांग्रेस के विन्सेंट पाला द्वारा पेश संविधान की छठी अनुसूची संशोधन विधेयक 2015 पर अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाया गया। चर्चा पूरी नहीं हुई। इसके साथ ही आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन द्वारा पेश कर्मचारी भविष्य निधि के पेंशनभोगियों का कल्याण सुनिश्चित करने वाले संकल्प पर चर्चा को आगे बढ़ाया गया। चर्चा अधूरी रही। स्पीकर ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, विभिन्न दलों के नेताओं, मीडिया का भी आभार प्रकट किया।
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