राजनाथ सिंह ने अरुणाचल में राष्ट्र को समर्पित की 12 सामरिक सड़कें, ऐसे मिलेगा फायदा

Rajnath singh

इन 12 सामरिक सड़कों में से 10 अरुणाचल प्रदेश को और 1-1 लद्दाख और कश्मीर में एलएसी को देश से जोड़ती है। अब सवाल है कि ये 12 सामरिक सड़कें देश के लिए किस तरह से महत्वपूर्ण है। इस बात का जवाब रक्षामंत्री ने दिया।

एलएसी पर भारत और चीन एक पिछले एक साल सीमा विवाद जारी है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की हरकत को पूरी दुनिया ने देखा है। भारत की कई कोशिशों के बावजूद भी चीन अपनी चालों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है और 12 में से 10 सामरिक सड़कों को राष्ट्र को समर्पित किया है। इन 12 सामरिक सड़कों में से 10 अरुणाचल प्रदेश को और 1-1 लद्दाख और कश्मीर में एलएसी को देश से जोड़ती है। अब सवाल है कि ये 12 सामरिक सड़कें देश के लिए किस तरह से महत्वपूर्ण है। इस बात का जवाब रक्षामंत्री ने दिया।

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जवानों के लिए तेजी से रक्षा पहुंचाने में मिलेगी मदद

राजनाथ सिंह ने कहा कि इन नई सड़कों से न सिर्फ संपर्क बढ़ेगा बल्कि सेना की टुकड़ियों की आवाजही और सीमा पर तैनात जवानों के लिए तेजी से रक्षा पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। इस दौरान उन्होंने सीमा सड़क संगठन निर्माण क्षमता की तारीफ करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़ी पूंजी बताया। राजनाथ ने जवानों की सराहना करते हुए पिछले साल हमारे जवानों ने गलवान घाटी में अदम्य साहस दिखाया और चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा विषम परिस्थितियों में भी हमारे जाबांज जवानों ने चीनी सैनिकों को हमारी सीमा में घुसने से रोका।   

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बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है मोदी सरकार

पिछले साल हुए खूनी संघर्ष के बाद तनाव के बीच स्थिरता के लिए कई चरणों में सेना वापसी के बाद भी हाट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट में भी सैनिक मौजूद हैं। आपको बता दें मोदी सरकार देश की रक्षा के लिए एलएसी पर बुनियादी ढ़ाचे को मजबूत कर रही है। जिसमें सड़क निर्माण पर खासतौर से बल दिया जा रहा है। अबतक 4800 किलोमीटर तक की सड़क का निर्माण किया जा चुका है। 

खूनी संघर्ष में 20 जवान हुए थे शहीद

पिछले साल जून में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे तो वहीं कई चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबर आई थी। बता दें कि चीन एलएसी के साथ-साथ अरुणाचल के भी कई हिस्से पर अपने हक का दावा करता रहा है और इसे लेकर दादागिरी भी करता है। हालांकि ये बात और है कि चीन को हर बार भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।  

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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