साल के अंत तक राम मंदिर पर काम शुरू होगा: स्वामी
स्वामी ने कहा कि राम मंदिर का काम साल के खत्म होने से पहले शुरू हो जाएगा और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 2017 के अंत तक रद्द कर दिया जाएगा।
राज्य सभा सदस्य और भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर का काम साल के खत्म होने से पहले शुरू हो जाएगा और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 2017 के अंत तक रद्द कर दिया जाएगा। स्वामी ने मोदी के दो साल पूरा होने पर इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘संवाद’ में कहा, ‘‘इस साल के आखिर तक हम राम मंदिर का काम शुरू कर देंगे। हम और अन्य दावेदार जुलाई से उच्चतम न्यायालय द्वारा मामले की रोजाना सुनवाई किए जाने के पक्ष में हैं।’’
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है तो अदालत का फैसला कुछ महीनों के अंदर आ जाएगा जिससे आगे चलकर राम मंदिर का काम शुरू करना संभव हो जाएगा। हालांकि, कार्यक्रम में मौजूदा मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन के नेता असददुद्दीन ओवैसी ने स्वामी की दलील का जवाब देते हुए कहा, ‘‘यह संभव नहीं है क्योंकि अदालती दस्तावेज के अनुवाद में ही छह महीना लग जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर घोषणापत्र का हिस्सा है। अदालत फैसला करेगी। सवाल यह है कि जहां मंदिर था क्या वहां मस्जिद बनाई गई थी। इस मामले को जीतने को लेकर आश्वस्त हूं।’’ अनुच्छेद 370 पर स्वामी ने कहा, ‘‘साल 2017 के अंत तक हम (हमारी सरकार) अनुच्छेद 370 रद्द कर देंगे।’’
ओवैसी ने अनुच्छेद 370 पर भी भाजपा नेता के दावे को चुनौती देते हुए कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर को एकीकृत रखने के लिए अनुच्छेद 370 एक बाध्यकारी कारक है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।’’ उन्होंने यह कहते हुए स्वामी को आड़े हाथ लिया कि जम्मू कश्मीर में सत्ता साझेदारी करने से पहले पीडीपी के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के दौरान भाजपा नेताओं के अनुच्छेद 370 को भुला देने से भगवा पार्टी बेनकाब हो गई।
‘क्या भारत में मुसलमान सुरक्षित महसूस करते हैं’, परिचर्चा में भाग लेते हुए हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने यह भी कहा कि भारत में समान नागरिक संहिता संभव नहीं है क्योंकि हमारे देश की विविधता को बचाना जरूरी है और इसलिए यह हकीकत नहीं बन सकता। उन्होंने कहा, ‘‘इस देश की विविधता को बचाने के लिए, मैं समान नागरिक संहिता के खिलाफ हूं।’’
वहीं, स्वामी ने इसका विरोध करते हुए दावा किया कि जब मुसलमान समान फौजदारी संहिता स्वीकार कर सकते हैं फिर वे लोग अपने पसर्नल कानूनों को हटाकर समान नागरिक संहिता क्यों नहीं स्वीकार कर सकते। स्वामी ने दावा किया कि भारत में मुसलमान हिंदुओं जितना ही सुरक्षित और असुरक्षित हैं, वहीं ओवैसी ने कहा कि जब तक संविधान रहेगा तब तक मुसलमान सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने मुसलमानों के लिए आरक्षण की भी मांग की और सवाल किया कि जाटों को आरक्षण क्यों दिया गया जबकि उन्होंने हिंसा का सहारा लिया था।
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