मोदी और योगी सरकार का आह्वान: चलो कुंभ चलें

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[email protected] । Dec 30 2018 2:10PM

उन्होंने भाषा से कहा, ''चार मार्च 2019 तक चलने वाले इस आध्यात्मिक उत्सव में देश के सभी छह लाख गांवों और विश्व के 192 देशों से आने वाले अतिथियों और श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है।''

लखनऊ। प्रयागराज 'कुम्भ 2019' के आयोजन की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं और विश्व के इस सबसे बड़े समागम को ऐतिहासिक बनाने के लिए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार देश के हर गांव और विश्व के हर देश की भागीदारी सुनिश्चित करने में जुट गयी है। प्रदेश सरकार ने 'चलो कुंभ चलें' स्लोगन के साथ कुंभ में हर खासो-आम की भागीदारी का आग्रह किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, 'प्रयागराज 'कुम्भ 2019' को ऐतिहासिक बनाने के लिए देश के हर गांव और विश्व के हर देश की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों एवं विदेश यात्राओं में स्वयं वहां के राष्ट्राध्यक्षों और लोगों को 'कुम्भ 2019' का निमंत्रण दे रहे हैं।' 

शर्मा ने कहा कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम की पावन भूमि प्रयागराज में 15 जनवरी से 'कुम्भ 2019' प्रारंभ होगा। उन्होंने भाषा से कहा, 'चार मार्च 2019 तक चलने वाले इस आध्यात्मिक उत्सव में देश के सभी छह लाख गांवों और विश्व के 192 देशों से आने वाले अतिथियों और श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है।'  प्रवक्ता ने बताया कि 'कुम्भ 2019' के पुण्यलाभ के लिए सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निमंत्रण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वरूप में धार्मिक होकर भी 'कुम्भ' की प्रकृति बहुआयामी है। यह भारत के अध्यात्म, चिंतन, संस्कृति, कलाओं और परंपराओं की एक साथ एक स्थान पर अनुभूति का वृहद मंच है इसलिए 'कुम्भ' के अमृतपान के लिए हम सभी से एक ही आग्रह कर रहे हैं- 'चलो कुम्भ चलें'।

 

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शर्मा ने कहा कि यूनेस्को भी 'कुम्भ' के वैश्विक महत्व को देखते हुए इस आयोजन को 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' घोषित कर चुका है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत की छवि किसी एक प्रदेश में देखनी हो, तो उत्तर प्रदेश को देखा जा सकता है ...'यूपी नहीं देखा, तो इंडिया नहीं देखा'। मुख्यमंत्री योगी प्रयाग कुम्भ-2019 के प्रचार-प्रसार के सम्बन्ध में 19 दिसंबर को एक समीक्षा बैठक कर चुके हैं। उन्होंने बैठक में कहा था, 'पहली बार जल, थल व नभ के माध्यम से तीर्थ यात्री व श्रद्धालु कुम्भ में पहुंचेंगे। पहली बार वे अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन कर सकेंगे।'  उन्होंने कहा था, 'कुम्भ का विस्तार तथा प्रयागराज एक सुदृढ़ एवं स्मार्ट शहर के रूप में दिखायी देगा। प्रकाश की सारी व्यवस्था एलईडी से की जाएगी।' 

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योगी ने कहा था कि कुम्भ की आधारभूत संरचना एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बेहतरीन कार्य किया गया है। पैण्टून पुल, चेकर्ड प्लेट्स, रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर्स, रेलवे स्टेशन का सुदृढ़ीकरण, नए टर्मिनल का निर्माण कराया गया है। रायबरेली-प्रयागराज, प्रयागराज-प्रतापगढ़, वाराणसी-प्रयागराज हाईवे का पुनर्निर्माण किया गया है।  मुख्यमंत्री ने कहा था कि पहली बार कुम्भ क्षेत्र में इण्टीग्रेटेड कण्ट्रोल कमाण्ड एण्ड सेण्टर स्थापित किया गया है, जिससे किसी भी घटना पर सीधी नजर रखी जा सकेगी। कुम्भ में टेण्ट सिटी, पेण्ट माई सिटी, अक्षयवट दर्शन, संस्कृति ग्राम आदि जैसी नई पहल की गई है । लेज़र शो और डिजिटल साइनेज की व्यवस्था हैं। कुम्भ क्षेत्र का विस्तार 3200 हेक्टेयर तक में किया गया है। उन्होंने कहा था कि पहली बार 70 देशों के राजदूतों ने कुम्भ आयोजन की तैयारियों को देखा तथा दुनिया के सबसे बड़े संगम का दर्शन किया। 

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