महीने भर की जुबानी जंग के बाद दिल्ली में थमा चुनाव प्रचार
चुनाव के लिये तीनों प्रमुख दावेदार दलों भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य दलों का लगभग 40 दिन से चल रहा धुंआंधार प्रचार आज शाम साढ़े पांच बजे थम गया।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिये तीनों प्रमुख दावेदार दलों भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य दलों का लगभग 40 दिन से चल रहा धुंआंधार प्रचार आज शाम साढ़े पांच बजे थम गया। तीनों नगर निगम के 272 वार्ड के लिये 23 अप्रैल को होने वाले मतदान में लगभग 1.3 करोड़ मतदाता 2315 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इसके लिये 26 अप्रैल को मतगणना होगी।
निगम चुनाव के लिये औपचारिक तौर पर प्रचार अभियान पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का 11 मार्च को परिणाम घोषित होने के बाद जोरशोर से शुरू हुआ था। इस दौरान न सिर्फ चुनाव में किस्मत आजमा रहे राजनीतिक दल और उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगा दिया बल्कि इसके समानांतर दिल्ली चुनाव आयोग ने भी मतदान के प्रति जमकर जागरूकता अभियान चलाया। आयोग की इस मुहिम में क्रिकेटर कपिल देव, गौतम गंभीर, लेखक चेतन भगत और अभिनेत्री तापसी पन्नू एवं हुमा कुरैशी ने लोगों से ‘धाकड़ मतदाता’ बनने की अपील की।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में चुनावी माहौल को देखते हुये आयोग ने ‘धाकड़ अभियान’ के जरिये दिल्ली वालों को मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने के लिये जागरक किया। साल 2012 में हुये पिछले चुनाव में मतदान का स्तर 54 प्रतिशत रहा था। आयोग की कोशिश इस चुनाव में मतदान का स्तर कम से कम पिछले विधानसभा चुनाव की तरह 65 प्रतिशत से ऊपर ले जाने की है।
इस बीच भाजपा, आप और कांग्रेस के उतार चढ़ाव भरे प्रचार अभियान को नेताओं के दलबदल ने दिलचस्प बना दिया। इसकी शुरुआत 10 फरवरी को ही नानकपुरा वार्ड से आप पार्षद अनिल मलिक ने कांग्रेस में शामिल होकर कर दी थी। हालांकि चुनाव प्रचार खत्म होने के महज पांच दिन पहले 17 अप्रैल को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और दिल्ली यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिये करारा झटका साबित हुआ। इससे पहले बवाना से आप विधायक वेद प्रकाश ने भाजपा में शामिल होकर केजरीवाल कैंप में हल चहल पैदा कर दी थी।
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