मिजोरम के मुख्यमंत्री ने म्यांमार शरणार्थियों के मुद्दे पर PM मोदी से की हस्तक्षेप की मांग, जानिए पूरा मसला

zoramthanga

गृह मंत्रालय ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्य सचिवों को सलाह दी है कि वह म्यांमार से भारत में अवैध आगमन को रोकने के लिए बिना देरी किए निर्वासन प्रक्रिया को शुरू करें।

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने गृह मंत्रालय के उस आदेश का जिक्र किया है जिसमें पड़ोसी मुल्क म्यांमार के अवैध आगमन को रोकने का निर्देश दिया गया है। जोरामथंगा मिजो नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष हैं, जो भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए की सहयोगी पार्टी है। 

इसे भी पढ़ें: मिजोरम में कोविड-19 का एक मामला सामने आया, संक्रमितों की संख्या 4,428 हुई 

गृह मंत्रालय ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्य सचिवों को सलाह दी है कि वह म्यांमार से भारत में अवैध आगमन को रोकने के लिए बिना देरी किए निर्वासन प्रक्रिया को शुरू करें। जिसका मिजोरम के मुख्यमंत्री ने विरोध किया है। उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में साफ कर दिया कि मिजोरम को यह स्वीकार्य नहीं है।

आपको बता दें कि म्यांमार बॉर्डर में तैनात ग्राडिंग फोर्स और असम राईफल्स ने बीते दिन शरणार्थियों के मिजोरम में दाखिल होने के साथ ही बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक अबतक 300 के आसपास म्यांमार के नागरिक मिजोरम आ चुके हैं। जिनमें 150 के करीब म्यांमार पुलिस के जवान शामिल हैं। फिलहाल इन लोगों को भारत-म्यांमार सीमा के करीब कैंप में रखा गया है। 

इसे भी पढ़ें: PM मोदी अरुणाचल, मिजोरम के स्थापना दिवस पर लोगों को दी बधाई, बोले- राज्य प्रगति की नयी ऊंचाइयों को करे हासिल 

शरणार्थियों को दिया जाए आश्रय

अंग्रेजी समाचार पत्र 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और म्यांमार का पड़ोसी होने के नाते हमारा दायित्व बनता है कि हम उनकी और ज्यादा मदद करें। इस मामले में मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। ताकि म्यांमार के शरणार्थियों को शरण दी जा सकें। उन्होंने अनुरोध किया है कि शरणार्थियों को भोजन और रहने के लिए आश्रय दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने पत्र में इस बात पर जोर दिया कि मिजोरम की सीमा से लगे म्यांमार में चिन समुदायों के लोग रहते हैं। जो नैतिक रूप से हमारे मिजो भाई हैं और पिछले कुछ सालों से इन लोगों के साथ हमारे निकट संपर्क रहे हैं या कहें कि भारत की आजादी से पहले से ही ऐसा था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़