पंजाब को नशे की बीमारी से मुक्त करने में विफल रहे कैप्टन: हरसिमरत
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कैप्टन ने इस समस्या के समाधान के लिए गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय को सलाह देने का आग्रह किया है।
चंडीगढ़। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल नेसोमवार को आरोप लगाया कि पंजाब में दो साल के कांग्रेस शासन के दौरान नशे की समस्या से संबंधित सबसे अधिक मौत हुई है और इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पर अपनी असफलता से ध्यान बंटाने का आरोप लगाया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर नशे की समस्या से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग की है । इसके एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री ने इस मामले में मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया है।
Instead of diverting attn frm ur failure to fulfil oath taken in name of #GuruGobindSingh ji to wipe out #DRUGS in 4 weeks by writing to #PM, u @capt_amarinder should fulfil ur oath. 2yrs of ur govt has seen all time high drug-deaths & ur own MLAs r blaming police-political nexus pic.twitter.com/ePxsPJpLZk
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) June 3, 2019
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कैप्टन ने इस समस्या के समाधान के लिए गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय को सलाह देने का आग्रह किया है। सोमवार को हरसिमरत ने ट्वीट किया, ‘‘पंजाब से चार हफ्ते में नशे का खात्मा करने के लिए गुरु गोविंद सिंहजी के नाम पर ली गयी शपथ को पूरा करने में विफलता से ध्यान भटकाने की बजाए आपको (अमरिंदर सिंह) अपनी शपथ पूरा करने की दिशा में काम करना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि दो साल के आपके कार्यकाल में नशे से संबंधित (प्रदेश में) सबसे अधिक मौत हुई है और आपके अपने विधायक पुलिस और राजनेताओं की मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में देश में तीन घटकों - प्रवर्तन, नशामुक्ति और नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर एक राष्ट्रीय नीति के निर्माण में मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है।
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