कैप्टन से पंगा सिद्धू को पड़ सकता है महंगा, मंत्रिमंडल से हो सकती है छुट्टी!
सूत्रों कि मानें तो अब इस परेशानी को देखते हुए अमरिंदर ने बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार किसी और को सौंपने का मन बना लिया है।
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह के साथ लगातार गतिरोध के बाद अब नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी में अलग-थलग पड़ गए हैं। पंजाब कैबिनेट के फेरबदल में महत्वपूर्ण विभाग छिनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने लगभग एक महीने दस दिन बाद भी अपने नए मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभाला है। सरकार की तरफ से उन्हें मनाने की भी कोशिश की गई पर वह माने नहीं। मुख्यमंत्री ने गत छह जून को सिद्धू से स्थानीय प्रशासन और पर्यटन तथा संस्कृति विभागों का प्रभार छीन लिया था और उन्हें बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा था। दिक्कत यह भी है कि पंजाब में भीषण गर्मी का दौर जारी है। कई गांवों में लगातार 10 से 12 घंटे तक बिजली कट रही है और मंत्री गायब है।
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सूत्रों कि मानें तो अब इस परेशानी को देखते हुए अमरिंदर ने बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार किसी और को सौंपने का मन बना लिया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि सिद्धू की पंजाब कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है। सिद्धू की गैर हाजिरी ने अमरिंदर सिंह के खिलाफ विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस ने अमरिंदर और सिद्धू के बीच गतिरोध को दूर करने का जिम्मा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल को सौंपा गया था पर वह भी कामयाब नहीं हो पाए। सिद्धू ने दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका से मुलाकात की थी जिससे माना जा रहा था कि उन्होंने अपनी बात आलाकमान तक पहुंचा दी है।
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इससे पहले हमेशा लाइमलाइट में रहने वाले कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की अपने बयानों की वजह से किरकिरी हो रही थी। उनके खिलाफ मोहाली में कई पोस्टर लगे हैं जिनमें उनसे पूछा जा रहा है कि 'आप राजनीति कब छोड़ रहे हैं। फिलहाल सिद्धू को लेकर जहां विपक्ष हमलावर है वहीं सरकार बचाव के मूड में नजर आ रही है। राष्ट्रीय स्तर की समस्या सुलझने के बाद शायद पंजाब की भी समस्या सुलझ सकती है। अमरिंदर फिलहाल मौन रहना ही बेहतर समझते हैं।
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