CBI प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया से PM कार्यालय का कम हुआ मान: खड़गे

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[email protected] । Feb 4 2019 6:18PM

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिस तरीके से सरकार ने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की उससे पीएमओ का मान घटा है।

नयी दिल्ली। ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई निदेशक नियुक्त किए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के प्रमुख का जिस प्रकार से चयन किया गया उससे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का मान कम हुआ है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को लिखे पत्र में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की एक फरवरी को हुई बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए। खड़गे भी इस समिति के सदस्य हैं। खड़गे ने कहा कि जिस तरीके से सरकार ने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की उससे पीएमओ का मान घटा है।

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उन्होंने सरकार पर सीबीआई को ‘तबाह करने’ का आरोप लगाते हुए कहा कि उम्मीद जताई कि नए निदेशक के अनुभव की कमी इस संस्था के पुनर्निर्माण में आड़े नहीं आए। खड़गे ने कहा कि मेरी आपत्ति हमेशा से नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर रही है। मैंने कभी किसी अधिकारी और उसकी निष्ठा के खिलाफ नहीं बोला। जब एक अधिकारी नियुक्त हो गया है तो मुझे नहीं लगता कि उस पर हमें टिप्पणी करते रहनी चाहिए। मैंने अपने पांच दशक के सार्वजनिक जीवन में कभी ऐसा नहीं किया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता खड़गे ने सीबीआई निदेशक के चयन के लिए हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक के ब्यौरे को सार्वजनिक करने की मांग की।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला को दो साल के तय कार्यकाल के लिये शनिवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया है। मध्य प्रदेश कैडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला फिलहाल भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस आवास निगम के अध्यक्ष हैं। वह आलोक वर्मा का स्थान लेंगे, जिन्हें 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था। शुक्ला का हाल में मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक पद से पुलिस आवास निगम में तबादला हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की 24 जनवरी और एक फरवरी को हुई दो बैठकों के बाद उनकी नियुक्ति हुई।

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शुक्ला की नियुक्ति के बाद प्रधानमंत्री मोदी को भेजे असहमति वाले नोट में खड़गे ने आरोप लगाया था कि जांच एजेंसी के प्रमुख के चयन में पहले से तय मानदंडों का पालन नहीं हुआ जो 'दिल्ली विशेष पुलिस संस्थापना (डीएसपीई) कानून’ तथा उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। खड़गे की आपत्ति पर जेटली ने उन पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें आपत्ति जताने का अधिकार है लेकिन वो इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। खड़गे ने पत्र में जेटली के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।

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