CBI ने पूछताछ के बाद मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी के बेटे को छोड़ा

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[email protected] । Aug 12 2018 5:48PM

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आश्रय गृह यौन कांड के आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद को आज अपनी हिरासत से मुक्त कर दिया।

मुजफ्फरपुर (बिहार)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आश्रय गृह यौन कांड के आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद को आज अपनी हिरासत से मुक्त कर दिया। सीबीआई टीम ने कल रात राहुल आनंद को उसके घर से पकड़ा था। राहुल कई घंटे की सीबीआई पूछताछ के बाद आज तड़के अपने घर लौटा। सीबीआई टीम ने करीब 12 घंटे तक उस परिसर की तलाशी ली थी जहां अब सील किए जा चुका आश्रयगृह और ठाकुर परिवार के स्वामित्व वाले हिंदी दैनिक ‘प्रात:कमल’ का कार्यालय है।

समझा जाता है कि सीबीआई विभिन्न कोण को ध्यान में रख जांच कर रही है। इनमें मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में लड़कियों के यौन शोषण, ठाकुर के नियंत्रण वाले एनजीओ को प्राप्त सरकारी धन का दुरुपयोग और मुख्य आरोपी का रसूखदारों से कथित संबंध शामिल हैं। सोशल ऑडिट में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की बात सामने आने के पश्चात पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी और जून में एनजीओ सेवा संकल्प एवम विकास समिति को काली सूची में डाल दिया गया था। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की ऑडिट रिपोर्ट में आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों के शारीरिक शोषण की स्पष्ट जानकारी दी गयी थी।

कल मुजफ्फरपुर जेल में छापे के दौरान कई प्रतिबंधित सामग्रियों के साथ ही ठाकुर के पास से कागज का एक ऐसा टुकड़ा मिला था जिस पर 40 लोगों के नाम एवं फोन नंबर थे। जिलाधिकारी मोहम्मद सुहैल ने बताया कि कागज का टुकड़ा जांच के लिए मिठनपुरा थाने को सौंप दिया गया था। यदि यह पाया गया कि ठाकुर जेल से इन नंबरों में से किसी पर फोन कर रहा था तो इस मामले में शिकायत भी दर्ज की जा सकती है।

इस बीच, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी रवि रौशन की पत्नी शिभा कुमारी के खिलाफ मुजफ्फरपुर के महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी। रवि रोशन इस स्कैंडल में अबतक गिरफ्तार किये गये दस लोगों में एक है। शिभा ने हाल ही यह आरोप लगाकर तहलका मचा दिया था कि पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का पति इस आश्रय गृह में नियमित रूप से आता था और "बड़ी मछली" को बचाने के लिए रौशन को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

मंजू वर्मा ने पिछले हफ्ते मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि उनके पति निर्दोष हैं। उन्होंने शिभा कुमारी के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी थी। यह प्राथमिकी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर दर्ज की गयी है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस बात पर नाखुशी प्रकट की थी कि शिभा ने कानून का उल्लंघन करते हुए कुछ पीड़ितों की पहचान सार्वजनिक कर दी।

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