सीबीएसई को पाठ्यक्रम में से कुछ अध्याय हटाने का औचित्य बताना चाहिएः सिसोदिया
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jul 8 2020 10:01PM
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) नेमंगलवार को अधिसूचित किया कि उसने कोविड-19 संकट के बीच विद्यार्थियों पर पाठ्यक्रम का भार कम करने के लिए मंगलवार को कक्षा नौवीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम को शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए 30 फीसदी तक कम कर दिया है।
नयी दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि सीबीएसई को स्कूल पाठ्यक्रम में से कुछ अध्यायों को हटाने का औचित्य बताना चाहिए और बोर्ड के पास इस कदम के लिए बहुत मजबूत कारण होना चाहिए। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) नेमंगलवार को अधिसूचित किया कि उसने कोविड-19 संकट के बीच विद्यार्थियों पर पाठ्यक्रम का भार कम करने के लिए मंगलवार को कक्षा नौवीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम को शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए 30 फीसदी तक कम कर दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कहना है कि पाठ्यक्रम में मूल तत्वों को रखते हुए कटौती की गई है।
बोर्ड ने लोकतंत्र और विविधता, विमुद्रीकरण, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, भारत के अपने पड़ोसियों के साथ रिश्ते, भारत में स्थानीय सरकारों का विकास समेत अन्य अध्यायों को हटा दिया है। सिसोदिया ने कहा, दिल्ली सरकार हमेशा से पाठ्यक्रम में कटौती की तरफदार रही है और मैंने कई मौकों पर कहा कि ज्यादा पाठ्यक्रम होने का मतलब यह नहीं है कि (छात्र) ज्यादा सीखेगा। मैं 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम को कम करने के सीबीएसई के फैसले का समर्थन करता हूं। शिक्षा मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले सिसोदिया ने कहा, मगर पठ्यक्रम में जिस तरह से कटौती की गई है, उसे लेकर मेरी आशंकाएं और चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक विज्ञान ऐसा विषय है जहां विवाद की सबसे ज्यादा गुंजाइश रहती है और इस बात से सहमति है कि कोई भी विषय चुना जाता या छोड़ जाता, तो सवाल उठते। इसलिए बोर्ड को सतर्क होना चाहिए था और उसे कुछ विषयों को हटाने के अपने औचित्य के बारे में बताना चाहिए।Delhi Education Minister has expressed 'reservations and concern over the manner and content of the syllabus reduction' of classes 9th to12th for the academic session 2020-21 by the Central Board of Secondary Education (CBSE). pic.twitter.com/Mi9QmCNdiC
— ANI (@ANI) July 8, 2020
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उपमुख्यमंत्री ने कहा, मुझे उम्मीद है कि सीबीएसई के पास उन विषयों को हटाने का बहुत अच्छा कारण होगा। न कि वह यह कहे कि स्कूलों के बंद होने की वजह से पाठ्यक्रम में कटौती की जरूरत थी, इसलिए बेतरतीब ढंग से कुछ विषयों को हटा दिया गया। सिसोदिया ने कहा कि हटाए गए समाज विज्ञान के विषय मौजूदा संदर्भ में काफी अहम हैं और बच्चे को इन विषयों के बारे में व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के बजाय सत्यापित स्रोत से सीखना चाहिए।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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