केन्द्र ने कहा: जल्लीकट्टू पर 2016 की अधिसूचना वापस लेंगे

[email protected] । Jan 24 2017 5:32PM

केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि जल्लीकट्टू खेल की अनुमति देने के लिये राज्य विधानसभा द्वारा पारित नये विधेयक के आलोक में वह 2016 की अपनी अधिसूचना वापस लेगी।

केन्द्र ने आज उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू खेल की अनुमति देने के लिये राज्य विधानसभा द्वारा पारित नये विधेयक के आलोक में वह 2016 की अपनी अधिसूचना वापस लेगी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि केन्द्र ने इस खेल की अनुमति देने के लिये पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा 6 जनवरी, 2016 को जारी अधिसूचना वापस लेने का निर्णय किया है।

न्यायालय ने कहा कि इस अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली संबंधित पीठ ही केन्द्र की इस संबंध में अर्जी विचारार्थ आने पर निर्णय करेगी। इस मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का इंतजार है। तमिलनाडु विधान सभा में मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम द्वारा पेश पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (तमिलनाडु संशोधन) विधेयक 2017 सोमवार को संक्षिप्त चर्चा के बाद सर्वसम्मति से ध्वनिमत से पारित किया गया था। यह विधेयक अब राष्ट्रपति की संस्तुति के लिये भेजा जायेगा। राज्य में जल्लीकट्टू की अनुमति देने संबंधी नये विधेयक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर यदि विचार किया जाता है तो इससे पहले संबंधित पक्ष को सुनने के लिये करीब 70 अर्जियां (कैविएट) उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी हैं। अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा इस मामले में कोई आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुनने के लिये शीर्ष अदालत में अर्जी दायर किये जाने के बाद ये आवेदन दाखिल किये गये हैं।

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