चीन और कोरोना से निपटने पर ध्यान केंद्रित करे केंद्र सरकार: शिवसेना
गलवान घाटी में 15 जून को हुए संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद हो जाने के बाद से दोनों पक्षों में तनाव और बढ़ गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चीन के साथ सीमा विवाद और कोविड-19 से अच्छी तरह निपट लेगा।
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शाह के बयान का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा, ‘‘सरकार को विपक्षी दल पर नहीं, बल्कि इन दो समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विपक्षी दल के उठाए प्रश्नों से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।’’ उसने कहा कि राजस्थान से कांग्रेस विधायक ने कोविड-19 महामारी से निपटने संबंधी संदेश देने वाली मोबाइल कॉलर ट्यून हटाने की मांग की है। पार्टी ने कहा, ‘‘दिल्ली में इसी तरह की कॉलर ट्यून शुरू करने की आवश्यकता है कि हमें चीन से लड़ने की आवश्यकता है, सरकार के विपक्षी दलों से नहीं।’’ उसने कहा, ‘‘कोरोना वायरस संबंधी कॉलर ट्यून की तरह हम भाजपा-कांग्रेस की लड़ाई से उकता गए हैं और हमें लगता है कि यह कॉलर ट्यून बदलने की जरूरत है।’’
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पार्टी ने कहा कि सत्तारूढ़ दल चीन को करारा जवाब देने के बजाय सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साध रहा है। उसने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बयान दिया था कि चीन के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उसने कहा कि ‘‘भाजपा समर्थक सोशल मीडिया’’ कह रहा है कि पवार ने यह बयान देकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा कि यह निशाना सत्तारूढ़ पार्टी पर भी हो सकता है। उसने कहा, ‘‘राजनीति कौन कर रहा है? राहुल गांधी के प्रश्न पानी में बुलबुले की तरह नहीं हैं। ये सवाल शरद पवार के जेहन में भी हो सकते हैं। यदि चीन ने हमारी जमीन पर घुसपैठ नहीं की, तो 20 जवान शहीद क्यों हुए।
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