केंद्रीय आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ दल ने केरल के भूस्खलन प्रभावित विलान्गद का दौरा किया
विशेषज्ञ दल ने मुख्यत: वायड, पन्नियेरी, मलयनगाडु और विलान्गद शहर का दौरा किया, जहां बड़े पैमाने पर विनाश हुआ था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, विशेषज्ञ दल के साथ पंचायत और राजस्व अधिकारी भी मौजूद थे।
केंद्रीय आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों के दल ने केरल के उत्तरी कोझीकोड जिले के विलान्गद में भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा कर वहां हुए नुकसान का जायजा लिया। ऊंचाई पर स्थित विलान्गद गांव में 30 जुलाई को भूस्खलन से बड़े पैमाने पर तबाही मची थी। उसी दिन पड़ोसी वायनाड जिले में भी बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं से भारी विनाश हुआ था।
जिला प्राधिकारियों ने बताया कि विशेषज्ञ दल में शामिल रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के निदेशक आर प्रदीप कुमार, सीबीआरआई वैज्ञानिक डीपी कानूनगो और अजय चौरसिया, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव शेखर कुरियाकोस तथा अन्य अधिकारियों ने शनिवार को विलान्गद में प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
विशेषज्ञ दल ने मुख्यत: वायड, पन्नियेरी, मलयनगाडु और विलान्गद शहर का दौरा किया, जहां बड़े पैमाने पर विनाश हुआ था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, विशेषज्ञ दल के साथ पंचायत और राजस्व अधिकारी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा हाल में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वायनाड के साथ ही विलान्गद में भूस्खलन के पीड़ितों के पुनर्वास का फैसला लिया गया। वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 30 जुलाई को हुई भूस्खलन की घटनाओं में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
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