लोकसभा में बोले गृह राज्य मंत्री रेड्डी, IPC और CRPC में संशोधन करने को सरकार तैयार

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[email protected] । Dec 2 2019 3:34PM

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने के संकल्प की तरह ही सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करने की प्रतिबद्धता रखती है।

नयी दिल्ली। सरकार ने हैदराबाद में एक युवती के साथ बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या की घटना की निंदा करते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि वह आईपीसी और सीआरपीसी में संशोधन करने को तैयार है और इस बारे में विचार विमर्श जारी है।  

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गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, ‘आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने के संकल्प की तरह ही सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करने की प्रतिबद्धता रखती है।’ निचले सदन में महिलाओं के खिलाफ अपराध का विषय उठाते हुए सदस्यों ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संशोधन तथा बलात्कार के मामले में कानून को और कठोर बनाने की मांग की। 

इस पर गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘सदस्यों ने सीआरपीसी, आईपीसी में संशोधन की बात कही है। सरकार तैयार है। इस बारे में सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी गई है। विधि विभाग और पुलिस विभाग से भी सुझाव आमंत्रित किये गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट से भी कहा गया है। हम तैयारी कर रहे हैं। हम संशोधन करने को तैयार हैं। 

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सदन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘किसी मां, किसी बेटी के साथ ऐसी घटनाओं की हम सभी एक स्वर में निंदा करते हैं। ऐसी घटनाओं की किसी भी राज्य में पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए सदन चिंतित है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कठोर से कठोर कानून बनाए गए हैं। आवश्यकता होगी तो सदन की सहमति से पुनर्विचार भी करेंगे लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।

वहीं, गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने कहा कि हैदराबाद में जो घटना घटी, वह अत्यंत गंभीर है। वह पीड़ित परिवार से मिले हैं। केंद्र सरकार पुलिस आयुक्त एवं प्रशासन के साथ सम्पर्क में है। सभी दलों ने पार्टी लाइन से हटकर ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुटता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नाबालिग बालिकाओं से बलात्कार के मामले में पॉक्सो कानून को और कड़ा किया है। 

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मंत्री ने कहा कि हमने सभी आपात काल नंबर को एकीकृत करके आपात प्रतिक्रिया प्रणाली लागू की है। इसके माध्यम से 10 लोगों को एक साथ कॉल चला जायेगा। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद की घटना की निंदा करते हुए सदन में कहा कि अगर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सदन में कठोर कानून बनाने पर सहमति बनेगी तो सरकार इसके लिए तैयार है। सिंह ने कहा, ‘‘इससे अधिक अमानवीय कृत्य नहीं हो सकता है। सभी शर्मसार और आहत हैं।’’

उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बाद इसी सदन में कठोर कानून बना था लेकिन उसके बाद भी इस तरह के जघन्य अपराध हो रहे हैं। सिंह ने कहा कि सरकार सदन में चर्चा के लिए तैयार है और ऐसे अपराधियों को कठोरतम सजा देने पर सदन में जो सहमति बनती है, उसके आधार पर सरकार प्रावधान लाने को तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘सभी सदस्यों की राय के बाद जो कठोर कानून बनाने पर सहमति होगी, हम उसके लिए तैयार हैं।’’

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इससे पहले कांग्रेस, भाजपा, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाईएसआरसीपी, बसपा और द्रमुक समेत विभिन्न दलों के सदस्यों ने हैदराबाद में पिछले सप्ताह एक महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना की निंदा की और ऐसे मामलों में दोषियों को जल्द से जल्द कठोरतम सजा देने की मांग की।

टीआरएस सदस्य नामा नागेश्वर राव ने कहा कि ऐसी जघन्य घटनाएं किसी राज्य का विषय नहीं है बल्कि यह पूरे देश के समक्ष समस्या है। ऐसी घटनाओं को देखते हुए आईपीसी, सीआरपीसी में संशोधन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आपराध के मामलों की सुनवाई 30 दिन में पूरा करने का प्रावधान किये जाने की जरूरत है। 

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