शांति के लिए उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान आज राजधानी भोपाल के दशहरा ग्राउंड में उपवास पर बैठ गये। किसान आंदोलन से जूझ रहे मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के इस उपवास को शांति के लिए उपवास बताया जा रहा है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन के दसवें दिन आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां दशहरा मैदान में ‘शांति बहाली के लिये’ अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठ गये। उन्होंने किसानों को यहां समस्या के समाधान के लिये आने का आह्वान भी किया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे ‘नौटंकी’ बताया। कृषि उत्पादों की बेहतर कीमत और ऋण माफ करने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश में एक जून से किए जा रहे किसान आंदोलन का आज दसवां दिन है। किसानों ने आंदोलन के शुरू में ही इसे दस दिन तक चलाने की घोषणा की थी। यह किसान आंदोलन तब हिंसक हो गया जब मंदसौर जिले में छह जून को पुलिस गोलीबारी में प्रदर्शन कर रहे पांच किसानों की मौत हो गयी और छह किसान घायल हो गये। इस घटना के बाद पूरे पश्चिम मध्य प्रदेश में हिंसा फैल गयी थी।
भेल क्षेत्र के दशहरा मैदान में इस मौके पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए चौहान ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि फसल उत्पादन बहुत अधिक हुआ है। अन्न के भंडार भर गये हैं, लेकिन जब फसल उत्पादन बढ़ता है तो फसल की कीमत गिरती है, और जब कीमत गिरती है, तो तकलीफ किसान और उसके परिवार को होती है। मैं आपकी (किसानों की) तकलीफ समझता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश की सरकार आपके साथ है। मेहनत से पैदा किया गया फसल उत्पाद किसान से खरीदा जायेगा और उसे फसल का लाभदायक दाम दिया जायेगा। किसान की मेहनत किसी भी स्थिति में बेकार नहीं जायेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने किसानों से आठ रुपये प्रतिकिलो के भाव से प्याज खरीदना शुरू कर दिया है और बड़ी मात्रा में प्याज खरीदा जा चुका है।’’ उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनका पूरा प्याज सरकार द्वारा खरीदा जायेगा।
चौहान ने कहा कि इस साल तुअर दाल की फसल भी अत्यधिक हुयी है। सरकार आज से यह दाल समर्थन मूल्य 5050 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीदी जायेगी जबकि बाजार में इसका भाव 3500 रुपये प्रति क्विंटल है। इसके साथ ही मूंग और उड़द दाल भी 5225 रुपये के भाव से खरीदी जायेगी। उन्होंने कहा कि किसान को लाभकारी मूल्य देने में प्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में सरकार द्वारा पूर्व में लिये गये निर्णयों को याद करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों की सरकार है। प्रदेश में अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर है इसलिये भाजपा सरकार के प्रयासों से प्रदेश में सिंचाई का रकबा 7.50 लाख हैक्टेयर से बढ़कर अब 40 लाख हैक्टेयर हो गया है। इससे किसानों की फसल का उत्पादन भी बढ़ा है। प्रदेश में दो फसली खेत अब तीन फसली बन गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खेती को लाभ का कार्य बनाने की दिशा में बहुत काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल सरकार ने सोयाबीन की फसल खराब होने पर किसानों को 4800 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की थी। इसी तरह फसल बीमा योजना के तहत पिछले साल किसानों को 4400 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया गया।
कुर्ता पायजामा और नेहरू जैकेट पहने शिवराज को दशहरा मैदान में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने तिलक लगाया और इसके बाद चौहान यहां उपवास पर बैठ गये। चौहान के साथ उनकी पत्नी साधना सिंह भी यहां उपस्थित थीं। यहां पंडाल में मुख्यमंत्री चौहान के पहुंचते ही उनके समर्थकों ने ‘किसान का सम्मान, शिवराज चौहान’, ‘जय जवान, जय किसान’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाये।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा, ‘‘चौहान को लोगों को यह बताना चाहिये कि उनका यह कथित उपवास नौटंकी है, इवेंट है या अपनी गलतियों से प्रदेश को आग में झोंकने के लिये प्रायश्चित है।’’ उन्होंने कहा कि वह गांधीगीरी का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। यह नौटंकी करने से पहले वह न तो गांधी की प्रतिमा के पास बैठे और न ही महात्मा गांधी की प्रतिमा को फूल माला पहनाई। मिश्रा ने सवाल किया कि आखिरकार किसके विरोध में वह दशहरा मैदान में उपवास पर बैठे हैं। उन्हें (चौहान) यह याद रखना चाहिये कि दशहरा मैदान में प्रतिवर्ष रावण का पुतला दहन किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस तरह की नौटकियां केन्द्र की यूपीए-2 सरकार के दौरान भी कर चुके हैं। उन्हें इस नौटंकीबाजी से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। शुक्रवार शाम चौहान ने पत्रकार वार्ता में कहा था कि किसान आंदोलन अब अराजक हो गया है और वह शांति बहाली के लिये अनिश्चतकाल के उपवास पर बैठ रहे हैं। उन्होंने उपवास स्थल पर ही मैदान में किसानों को चर्चा के जरिये समाधान निकालने के लिये भी आमंत्रित किया।
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