कोरोना काल में ड्रैगन का 'एयरफोर्स प्लान', वाया नेपाल भारत के लिए बिछा रहा है जाल
सुरक्षा एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक चीनी सेना टिंगरी काउंटी पर नया एयरपोर्ट बना रही है। उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ के पास भी चीन एयरपोर्ट बना रहा है। बुरांग काउंटी पर सुरक्षा एजेंसियों को नया एयरपोर्ट नजर आया। भारत-नेपाल-तिब्बत ट्राइजंशन के बेहद करीब है बुरांग काउंटी।
कोरोना काल में चीन की बड़ी साजिश बेपर्दा हो गई है। भारत जब भरोसा कर रहा है, बातचीत कर रहा है और ये उम्मीद कर रहा है कि डिसइंगेजमेंट होगा वहीं पीठ पीछे नेपाल के रास्ते ड्रैगन भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है। चीन नेपाल और तिब्बत सीमा पर गांव बसा रहा है। गांव में अपने मिलिट्री के लोगों को ड्रैगन सिविलियन बता कर बसा रहा है। ताकी वो वहां के नागरिक कहलाए। टिंगरी काउंटी से सिक्कम की हावई सेना 70-80 किलोमीटर के करीब है।
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सुरक्षा एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक चीनी सेना टिंगरी काउंटी पर नया एयरपोर्ट बना रही है। उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ के पास भी चीन एयरपोर्ट बना रहा है। बुरांग काउंटी पर सुरक्षा एजेंसियों को नया एयरपोर्ट नजर आया। भारत-नेपाल-तिब्बत ट्राइजंशन के बेहद करीब है बुरांग काउंटी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1.5 बिलियन डॉलर से दोनों एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं और ये लक्ष्य रखा गया है कि या तो इस साल के अंत तक या 2022 की शुरुआत में ही ये चालू हो जाएंगे।
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जैसे चीन के इरादें हैं वो इन हवाई अड्डों का इस्तेमाल महज अपने नागरिकों के लिए नही करेगा, बल्कि यहां अपनी सेना या एयरफोर्स के सैनिकों की तैनाती भी कर सकता है। चीन के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि तिब्बत के मौजूदा एयरबेस इतनी ऊंचाई पर है कि वहां से उड़ान भरने वाले फाइटर को ईंधन और हथियारों को विमान की मौजूदा क्षमता से आधा ही लेकर उड़ान भरना होगा, जबकि, भारतीय वायुसेना के एयरबेस पूरी एलएसी पर किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अपनी पूरी ताक़त से उड़ सकेंगे।
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