LAC को लेकर चीन ने दी गीदड़भभकी, कहा- हमारे धैर्य की परीक्षा न ले भारत
चीन के पिट्ठू अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि हमारे धैर्य की परीक्षा न ले भारत। पिछले साल हुई झड़प से भारत ने कुछ नहीं सीखा है। ग्लोबल टाइम्स के जरिये चीन एक तरह से उकसावे की कोशिश कर रहा है।
भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में लंबित मुद्दों का समाधान निकालने में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। हालांकि चीन ने अपनी सरकारी मीडिया के जरिए भारत पर ही आरोप मढ़ दिए हैं। चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से कहा कि भारत अनुचित मांगों के जरिए बातचीत में मुश्किलें खड़ी कर रहा है। चीन के पिट्ठू अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि हमारे धैर्य की परीक्षा न ले भारत। पिछले साल हुई झड़प से भारत ने कुछ नहीं सीखा है। ग्लोबल टाइम्स के जरिये चीन एक तरह से उकसावे की कोशिश कर रहा है।
गलवान हिंसा का जिक्र कर कही ये बात
चीन का प्रोपोगेंडा चल रहा है। भारत ने सामान्य होती स्थिति को तनावपूर्ण कर दिया है। चीन की सहिष्णुता को उसकी कमजोरी न समझे। चीन का कहना है कि अनुचित मांग रखकर भारत बातचीत को प्रभावित कर रहा है। चीन की तरफ से कहा गया है कि एलएसी पर भारत आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रहा है। भारत के कदम से एलएसी पर तनाव और ज्यादा बढ़ेगा। गलवान हिंसा का जिक्र करते हुए चीन ने कहा कि पिछले साल हुई झड़प से भारत ने कुछ नहीं सीखा है। भारत ने चीनी सेना का नियमित गश्त रोका। ग्लोबल टाइम्स के जरिये चीन एक तरह से उकसावे की कोशिश कर रहा है।
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साढ़े 8 घंटे तक चली दोनों पक्षों में बातचीत
वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चूशुल-मोल्दो सीमा क्षेत्र में चीन की तरफ रविवार को हुई। वार्ता करीब साढ़े आठ घंटे तक चली। ऐसा बताया गया कि भारतीय पक्ष ने पेट्रोलिंग पॉइंट 15 (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी की रूकी हुई प्रक्रिया का मुद्दा और देप्सांग से जुड़े मुद्दे भी वार्ता में उठाए। चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिश की दो हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में 13वें दौर की वार्ता हुई। पहला मामला उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में और दूसरा अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में सामने आया था।
भारत ने क्या कहा
भारतीय सेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि उसके द्वारा दिए गए ‘सकारात्मक सुझावों’ पर चीनी सेना सहमत नहीं लगी। बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों का समाधान नहीं निकला और भारतीय पक्ष ने जोर देकर कहा कि वह चीनी पक्ष से इस दिशा में काम करने की उम्मीद करता है। सेना ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए सकारात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीनी पक्ष उनसे सहमत नहीं लगा और वह आगे बढ़ने की दिशा में कोई प्रस्ताव भी नहीं दे सका। अत: बैठक में बाकी के क्षेत्रों के संबंध में कोई समाधान नहीं निकल सका।
चीन का क्या है कहना
चीन की पीएलए की वेस्टर्न थियेटर कमान ने एक वक्तव्य में कहा कि भारत ने तर्कहीन और अवास्तविक मांगों पर जोर दिया, जिससे वार्ता में कठिनाई हुई। उसने कहा कि सीमा पर हालात को तनावरहित और शांत करने के लिए चीन ने बहुत अधिक प्रयास किए और अपनी ओर से गंभीरता का पूरी तरह से प्रदर्शन किया।
#China and #India held the 13th round of corps commander-level talks on Sunday. India insists on unreasonable and unrealistic demands, adding difficulties to the negotiations: PLA Western Theater Command pic.twitter.com/eeImr9ADo8
— Global Times (@globaltimesnews) October 10, 2021
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