हिंद महासागर में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए बड़ी चुनौती
एडमिरल लांबा ने समुद्री क्षेत्र को लेकर रणनीति तथा हिंद-प्रशांत में उसकी भूमिका पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत ब्रेक्जिट को चुनौती के तौर पर नहीं बल्कि ब्रिटेन के साथ नौसैन्य सहयोग की दिशा में व्यापक सहयोग के अवसर के तौर पर देख रहा है।
लंदन। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा है कि हिंद महासागर के उत्तरी हिस्से में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए एक चुनौती है लेकिन इस क्षेत्र में चीनी पोतों और पनडुब्बियों की तैनाती पर नयी दिल्ली करीब से नजर रख रही है। चार दिन के दौरे पर ब्रिटेन आए एडमिरल लांबा ने यह भी कहा कि पोत निर्माण में जितना निवेश चीन ने किया है उतना किसी अन्य देश ने नहीं किया है।
Rear Admiral Rajesh Singh, attending the 23rd #TokyoDefenseForum from 11-14 March at #Tokyo called on H.E. Mr Sanjay Kumar Verma, Ambassador of India to Japan. @indiannavy @SpokespersonMoD @HQ_IDS_India pic.twitter.com/sgZUGH360p
— India in Japanインド大使館 (@IndianEmbTokyo) March 14, 2019
इन्स्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटिजिक स्टडीज में बुधवार को एक परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘ पोत निर्माण में चीन जितना निवेश किसी भी देश ने नहीं किया है। यह चुनौती है, हम उनकी मौजूदगी और तैनाती पर करीबी नजर रखेंगे..।’’ एडमिरल लांबा ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को एक चुनौती बताया, जिसपर भारत नजर रख रहा है। उन्होंने हिंद महासागर के उत्तरी हिस्से में चीनी नौसेना के छह से आठ पोतों तथा पनडुब्बियों की मौजूदगी का हवाला दिया।
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एडमिरल लांबा ने समुद्री क्षेत्र को लेकर रणनीति तथा हिंद-प्रशांत में उसकी भूमिका पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत ब्रेक्जिट को चुनौती के तौर पर नहीं बल्कि ब्रिटेन के साथ नौसैन्य सहयोग की दिशा में व्यापक सहयोग के अवसर के तौर पर देख रहा है।
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