चुटका परियोजना से जैव विविधता समाप्त होने का खतरा: दिग्विजय
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है कि वह 1400 मेगावॉट क्षमता की चुटका परमाणु विद्युत परियोजना की स्थापना के निर्णय पर पुर्नविचार करें।
भोपाल। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है कि वह 1400 मेगावॉट क्षमता की चुटका परमाणु विद्युत परियोजना की स्थापना के निर्णय पर पुर्नविचार करें। सिंह ने कहा कि मंडला जिले में स्थापित होने वाले इस संयंत्र से न सिर्फ नर्मदा की जैव विविधता को खतरा होगा, बल्कि यह समूची नदी के लिये विनाशकारी साबित हो सकता है। नर्मदा की परिक्रमा कर रहे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मंडला जिले में सदियों से रह रहे आदिवासियों के लिये नर्मदा नदी ही जीवन का मुख्य आधार है और उनका जीवनयापन मछली पकड़ने से होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं विगत 4 माह से अधिक समय से नर्मदा परिक्रमा के दौरान निरंतर सिमटती, सिकुड़ती और प्रदूषित होती नर्मदा को देख रहा हूं। ऐसी स्थिति में यहां परमाणु विद्युत संयंत्र स्थापित करना न सिर्फ जैव विविधता को समाप्त करेगा बल्कि समूची नर्मदा नदी के लिये विनाशकारी साबित हो सकता है।’’उन्होंने कहा कि परमाणु परियोजना को ठंडा करने के लिये भारी मात्रा में पानी की आवश्यकता होगी जो नर्मदा में वापस नहीं आयेगा। इससे नर्मदा किनारे के सैंकड़ों गांवों में पेयजल का संकट पैदा हो जायेगा तथा बांध से होने वाली सिंचाई प्रभावित होगी।सिंह ने पत्र में कहा कि भुकंप संवेदी क्षेत्र में होने की वजह से यहां भूकम्प का खतरा रहता है, ऐसे में परमाणु विद्युत संयंत्र बड़े विनाश का कारण भी बन सकता है।सिंह ने मोदी से अनुरोध किया, ‘‘स्थानीय आदिवासियों के विरोध, जैव विविधता के संरक्षण, विकिरण के खतरे और करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र नर्मदा के अस्तित्व को देखते हुए प्रस्तावित ‘चुटका परमाणु विद्युत परियोजना’ के विषय में पुनर्विचार करें।’’
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