सिविल सेवा देश का इस्पात का ढांचा हैं, कोविड-19 संकट का सामना पेशेवर ढंग से किया: राष्ट्रपति कोविंद
भारत सरकार हर साल 21 अप्रैल को ‘लोक सेवा दिवस’ एक अवसर के रूप में मनाती है जहां लोक सेवक नागिरक सेवा के लिए खुद को समर्पित करते हैं और जन सेवा एवं कार्य में सर्वश्रेष्ठ होने की अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराते हैं।
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 संकट से संवेदनशीलता और पेशेवर ढंग से निपटने के लिए प्रशासनिक कर्मचारियों की मंगलवार को सराहना की। कोविद ने सिविल सेवा दिवस के मौके पर कहा कि सिविल सेवकों ने जन कल्याण की नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने ट्वीट किया, “वर्तमान समय में भी, हमारे देश के इस्पात के ढांचे, लोक सेवा, ने कोविड-19 संकट से संवेदनशीलता और पेशेवर ढंग से निपटने में अपनी ताकत एवं संकल्प का परिचय दिया है। इस बात का भरोसा है कि हमारी सिविल सेवाएं जन सेवा की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं के अनुकूल काम करती रहेंगी।” राष्ट्रपति ने इस मौके पर वर्तमान एवं पूर्व लोक सेवकों और उनके परिवारों को बधाई दी।
भारत सरकार हर साल 21 अप्रैल को ‘लोक सेवा दिवस’ एक अवसर के रूप में मनाती है जहां लोक सेवक नागिरक सेवा के लिए खुद को समर्पित करते हैं और जन सेवा एवं कार्य में सर्वश्रेष्ठ होने की अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराते हैं। यह दिन उस दिन को मनाने के लिए चुना गया जब आजाद भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1947 में प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के उम्मीदवारों को दिल्ली के मेटकाफ हाउस में संबोधित किया था और उन्हें “भारत का इस्पात का ढांचा” कहा था।
On Civil Services Day, greetings to all civil servants, past and present, and their families. Our civil services have played a key role in implementing policies and programs for public welfare.
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 21, 2020
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