CJI ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश केरल बाढ़ राहत कोष में करेंगे योगदान

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[email protected] । Aug 20 2018 7:57PM

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने आज कहा कि केरल में बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिये बने बाढ़ राहत कोष में उच्चतम न्यायालय के 25 न्यायाधीश अपना योगदान करेंगे।

नयी दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने आज कहा कि केरल में बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिये बने बाढ़ राहत कोष में उच्चतम न्यायालय के 25 न्यायाधीश अपना योगदान करेंगे। इस बाढ़ से बड़े पैमाने पर केरल में जान-माल का नुकसान हुआ है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़़ की पीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ‘अनुचित आवेदन’ दाखिल करने पर वादी पर 25 लाख रूपए का जुर्माना लगाने पर विचार के दौरान यह टिप्पणी की। इस जनहित याचिका पर पहले ही सुनवाई पूरी हो चुकी है।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इस मामले को अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिये सर्वथा उचित बताते हुये कहा कि जुर्माने की राशि केरल के मुख्यमंत्री के बाढ़ राहत कोष में जमा करा दी जानी चाहिए। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने वेणुगोपाल से कहा, ‘‘हम भी इस कोष में कुछ योगदान कर रहे हैं। इस न्यायालय के न्यायाधीश भी पीड़ितों की राहत के लिये योगदान करेंगे।’’ अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कुछ दिन पहले ही केरल आपदा राहत कोष में एक करोड़ रूपए की धनराशि का योगदान करने की घोषणा की थी।

बाढ़ से प्रभावित केरल के निवासी शीर्ष अदालत के न्यायाधीश कुरियन जोसेफ राज्य के लिये राहत सामग्री का प्रबंध सुनिश्चित करने में पहले से ही काफी सक्रिय हैं। शीर्ष अदालत के सूत्रों के अनुसार न्यायाधीश राहत कोष में 25-25 हजार रूपए का योगदान करेंगे। अटॉर्नी जनरल के पुत्र और वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णन वेणुगोपाल ने भी राहत कोष के लिये 15 लाख रूपए का योगदान किया है।

दिल्ली स्थित मलयाली वकीलों के एक समूह ने शुरू में केरल के बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिये सामग्री एकत्र करने की पहल की थी और नौ सेना के विमान से आठ ट्रक जरूरी खाद्य सामग्री, कपड़ें, पानी की बोतलें और दवा आदि भेजी थीं। वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप सिंह ने बाढ़ राहत कोष के लिये पांच लाख रूपए दिये हैं। एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर उदय सिंह द्वारा भी इस कोष में पांच लाख रूपए दिये जाने की खबर है। 

उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन ने भी 16 अगस्त को अपने आपदा राहत कोष से 30 लाख रूपए का योगदान किया है। केरल इस समय सदी की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। राज्य के 80 बांधों के दरवाजे खोल दिये गये हैं और नदियां पूरी तरह उफान पर हैं। प्राकृतिक सौन्दर्य, बुनियादी सुविधाओं, फसल और पर्यटन सुविधाओं के लिये प्रसिद्ध केरल इस मानसून की विभीषिका से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सरकारी रिकार्ड के अनुसार कल तक राज्य के 5,645 राहत शिविरों में 7,24,649 व्यक्ति रह रहे हैं। इस मानसून में अब तक 210 व्यक्तियों की जान जा चुकी है।

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