सीजेएम ने लखनऊ जेल भेजा पत्रकार कनौजिया की रिहाई का आदेश
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पत्रकार प्रशांत कनौजिया को तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुये कहा कि संविधान में प्रदत्त स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार पवित्र है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता।
लखनऊ। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने बुधवार को पत्रकार प्रशांत कनौजिया की रिहाई का आदेश लखनऊ जेल भेज दिया। उच्चतम न्यायालय ने कल यानी मंगलवार को ही कनौजिया की तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रभारी) संजय कुमार ने बीस-बीस हजार रूपये की दो जमानत राशि और इतनी ही राशि के निजी मुचलके पर पत्रकार कनौजिया को रिहा करने का निर्देश दिया। जमानत राशि और निजी मुचलका भरे जाने के बाद अदालत द्वारा पत्रकार की रिहाई का आदेश जेल भेजा गया। इससे पहले सीजेएम की अदालत में उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रमाणित कापी दाखिल की गयी।
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उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पत्रकार प्रशांत कनौजिया को तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुये कहा कि संविधान में प्रदत्त स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार पवित्र है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता। इस पत्रकार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शीर्ष अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि कनौजिया को जमानत देने का अर्थ उसकी पोस्ट या ट्वीट को स्वीकृति देना नहीं निकाला जा सकता। न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन पीठ ने कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। जगीशा ने उसकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।
Supreme Court asks the Uttar Pradesh Government to "show magnanimity in releasing" freelance journalist, Prashant Kanojia. (file pic) pic.twitter.com/iw6DIIPI1v
— ANI (@ANI) June 11, 2019
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