पश्चिम बंगाल में संवैधानिक प्रणाली के ठप पड़ने का है एक क्लासिक मामला: जेटली
भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि एक संवैधानिक प्राधिकार, भारतीय निर्वाचन आयोग ने प्रभावी तरीके से कहा है कि पश्चिम बंगाल में हालात अराजक हैं।
नयी दिल्ली। भाजपा नेता अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रचार अभियान को एक दिन पहले रोकने का आदेश राज्य में संवैधानिक प्रणाली के ठप पड़ने का एक ’क्लासिक केस’ है। कोलकाता में अमित शाह के रोडशो के दौरान हुई हिंसा के कारण चुनाव आयोग ने फैसला किया कि कल (बृहस्पतिवार) रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। पहले चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम खत्म होना था। जेटली ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि एक संवैधानिक प्राधिकार, भारतीय निर्वाचन आयोग ने प्रभावी तरीके से कहा है कि पश्चिम बंगाल में हालात अराजक हैं।
मंत्री ने कहा कि स्वतंत्र प्रचार संभव नहीं है और इसलिए प्रचार को समय से पहले रोक देना पड़ा। यह संवैधानिक प्रणाली के ठप पड़ने का एक ’क्लासिक मामला’ है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस राज्य में हुई हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही है। इस हिंसा के दौरान महान समाज सुधारक एवं पश्चिम बंगाल के आदर्श पुरुष के रूप में विख्यात ईश्वरचंद्र विद्यासागर की 19वीं सदी की एक प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त की गयी। आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत इस तरह की कार्रवाई की है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के प्रधान गृह सचिव और सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक को उनके पदों से हटाए जाने का भी आदेश दिया है।
A constitutional authority, the Election Commission of India, has effectively held Bengal to be a state in Anarchy. Repeatedly escalating violence, state supported Vandals, a partisan police and home department are the illustrations the ECI has given.
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) May 15, 2019
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