CM अमरिंदर ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए शुरू की छात्रवृत्ति योजना
डिजिटल तरीके से वाल्मीकि जयंती समारोह में शामिल हुए अमरिंदर सिंह ने राम तीरथ आईटीआई परिसर का उद्घाटन किया और दलित विद्यार्थियों के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए कौशल विकास केंद्र की स्थापना करने की मंजूरी दी।
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक (10वीं की पढ़ाई के बाद) छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर अमृतसर के राम तीरथ में 50 करोड़ रुपये की योजनाओं की आधारशिला भी रखी। आधिकारिक बयान के मुताबिक डिजिटल तरीके से वाल्मीकि जयंती समारोह में शामिल हुए अमरिंदर सिंह ने राम तीरथ आईटीआई परिसर का उद्घाटन किया और दलित विद्यार्थियों के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए कौशल विकास केंद्र की स्थापना करने की मंजूरी दी।
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बयान के मुताबिक ‘डॉ.बीआर आम्बेडकर पोस्ट मैट्रिक एससी छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सुनिश्चित होगा कि गरीब छात्रों को मुफ्त में उच्च शिक्षा मिले, जो केंद्र द्वारा राज्य को दी जाने वाली 800 करोड़ रुपये की सहायता वापस लेने से वंचित हो गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह योजना केंद्र के बिना किसी योगदान शुरू की गई है और इसके जरिये अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को शुल्क में शत प्रतिशत छूट दी जाएगी। योजना से हर साल अनुसूचित जाति के तीन लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है और उन्हें सरकारी और निजी संस्थानों में पढ़ाई के दौरान कोई शुल्क नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बदले संस्थान अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा देंगे। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि विद्यार्थियों को किताबें और वर्दी खरीदने के लिए मासिक भत्ता भी मिलेगा।
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