उत्तराखंड: चंपावत से CM धामी ने दाखिल किया अपना नामांकन, बोले- रोजगार और विकास के लिए करेंगे काम

dhami nomination
ANI
अंकित सिंह । May 9 2022 4:06PM

चंपावत भाजपा का गढ़ रहा है। उत्तराखंड बनने के बाद यहां 5 बार चुनाव हुए हैं जिसमें से तीन बार भाजपा को जीत मिली है। 2022 के चुनाव में भी कैलाश गहतोड़ी को शानदार जीत मिली थी। लेकिन मुख्यमंत्री के लिए उन्होंने अपना सीट छोड़ दिया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विधानसभा उपचुनाव के लिए चंपावत सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। आज चंपावत में मुख्यमंत्री धामी अपना नामांकन करने पहुंचे थे। नामांकन के बाद उन्होंने कहा कि मैं चंपावत की जनता को नमन करता हूं। पिछले कई चुनावों में जनता ने (भाजपा विधायक) कैलाश गहटोरी को जीत दिलाई, जिन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए मुझे मौका दिया। मैंने आज उनके साथ अपना नामांकन दाखिल किया है। गौरतलब है कि चंपावत भाजपा का गढ़ रहा है। उत्तराखंड बनने के बाद यहां 5 बार चुनाव हुए हैं जिसमें से तीन बार भाजपा को जीत मिली है। 2022 के चुनाव में भी कैलाश गहतोड़ी को शानदार जीत मिली थी। लेकिन मुख्यमंत्री के लिए उन्होंने अपना सीट छोड़ दिया।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: चंपावत से चुनाव लड़ेंगे पुष्कर सिंह धामी, 31 मई को होगी वोटिंग, 3 जून को गिनती

धामी ने आगे कहा कि चंपावत की महान जनता ने आम चुनाव में कैलाश सिंह गहतोड़ी को प्रचंड बहुमत से जिताया। मैंने आज यहां से प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा है। हमारे यहां बहुत संभावनाएं हैं। पर्यटन, बागवानी, शिक्षा सभी क्षेत्रों में आगे बढ़े इसके लिए हम काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम चंपावत के लोगों के रोजगार के लिए काम करेंगे और इस क्षेत्र के ग्रामीण हिस्सों को सड़क और इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। मैं चंपावत जनता की सेवा करने के लिए तैयार हूं। विपक्ष हमारे सामने कहीं नहीं है। चम्पावत का विकास एक बड़ी चुनौती है। 

इसे भी पढ़ें: पुष्कर सिंह धामी ने किए बाबा केदारनाथ के दर्शन, कहा- PM मोदी के नेतृत्व में चल रहा पुनर्निर्माण कार्य

आपको बात दें कि चंपावत में 31 मई को वोटिंग की जाएगी जबकि नतीजे 3 जून को आएंगे। दरअसल, हाल में ही संपन्न हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतने के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। हालांकि भाजपा की जीत की खुशी थोड़ी फीकी रह गई। इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी परंपरागत सीट खटीमा से चुनाव हार गए। बावजूद इसके भाजपा ने थामी पर विश्वास जताया और उन्हें एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाया। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़