Ayodhya के दीपोत्सव कार्यक्रम में बोले CM Yogi, यह वर्ष अद्भुत, अनुपम, अलौकिक, 500 वर्षों के इंतजार...
योगी ने आगे कहा कि मैंने सभी से कहा कि भगवान राम जल्द ही हम सभी को आशीर्वाद देंगे, और हम सभी पीएम मोदी और उनकी दूरदर्शिता के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2020 को जब पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही थी, तब पीएम ने अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर की आधारशिला रखी।
अयोध्या में आज भव्य दिपोत्सव मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में पर्यटन ऐप लॉन्च किया और अयोध्या के मेयर द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की भूमिका निभाने वाले कलाकारों के माथे पर तिलक लगाया।
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इस दौरान योगी ने अपने संबोधन में कहा कि 8 साल पहले जब हम पहली बार दीपोत्सव मनाने आए थे, तो भीड़ में उत्साह था और एक ही आवाज गूंज रही थी और एक ही नारा लग रहा था कि "योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो"। मैंने उस समय कहा था कि विश्वास रखो, आज जो दीये आप जलाएंगे वो सिर्फ दीये नहीं हैं, वो सनातन धर्म की आस्था है। भगवान राम की कृपा अवश्य बरसेगी।
योगी ने आगे कहा कि मैंने सभी से कहा कि भगवान राम जल्द ही हम सभी को आशीर्वाद देंगे, और हम सभी पीएम मोदी और उनकी दूरदर्शिता के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2020 को जब पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही थी, तब पीएम ने अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि यह वर्ष अयोध्या के लिए अद्भुत, अनुपम, अलौकिक है जब इस वर्ष 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करके एक बार फिर राम लला अपने धाम में विराजमान होकर दुनिया के सभी पीड़ितों को ये संदेश दे गए कि कभी भी अपने पथ से विचलित नहीं होना चाहिए।
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भाजपा नेता ने कहा कि आज हमारे पास यह अवसर है उन सभी आत्माओं को स्मरण करने का जिनका पूरा जीवन राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित था। मैं इस अवसर पर उन सभी पूज्य संतों को नमन करता हूं। जो 3.5 लाख की संख्या में अपनी शहादत देकर एक ही तमन्ना के साथ इस धरा से अल्विदा हो गए कि अयोध्या में चाहें कुछ भी हो इस धरा पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए... उनका संकल्प पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि राम लला के विराजमान होने के बाद ये दीपोत्सव का पहला अवसर है। इससे पहले हम लोग बोलते थे और जो हमने कहा वो करके भी दिखाया।
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