कोयला घोटाला मामला: पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को तीन साल की सजा
यह घोटाला केन्द्र में पूर्ववर्ती सप्रंग सरकार के शासन काल के दौरान हुआ था। अदालत ने दो अन्य नौकरशाह ए क्रोफा और के सी समारिया को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को तीन साल की सजा सुनाई है। यह घोटाला केन्द्र में पूर्ववर्ती सप्रंग सरकार के शासन काल के दौरान हुआ था। अदालत ने दो अन्य नौकरशाह ए क्रोफा और के सी समारिया को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई।
Delhi's Patiala House Court grants bail to the HC Gupta (former Coal Secretary) and two other public servants. All have to furnish a personal bond of rupees one lakh and one surety amount. https://t.co/VjtWTNBCSQ
— ANI (@ANI) December 5, 2018
विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने दोषी ठहराये गये अन्य व्यक्तियों विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विकास पाटनी और कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरी आनंद मलिक को चार-चार साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने विकास मेटल्स और पावर लिमिटेड कंपनी पर एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया। सीबीआई ने पांच दोषी ठहराये गये व्यक्तियों के लिए अधिकतम पांच साल की सजा और निजी कंपनी पर भारी जुर्माना लगाने की मांग की थी।
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इस अपराध में अपराधी ठहराये गये दोषियों को न्यूनतम एक साल और अधिकतम सात साल जेल की सजा हो सकती है। अदालत ने 30 नवंबर को कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव क्रोफा और मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-I) समारिया को दोषी ठहराया था। आदेश में कंपनी, पाटनी और मलिक को भी दोषी ठहराया गया था। संबंधित मामले में पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) कोयला ब्लॉक वीएमपीएल को आवंटन में कथित अनियमितता का था। सितंबर 2012 में सीबीआई ने मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
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