100 साल के हुए कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल, तीनों सेनाओं में दिखाया है अपना शौर्य
कर्नल पृथ्वीपाल सिंह ऐसे सैनिक है जिन्होंने भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी है। कर्नल पृथ्वीपाल सिंह 11 दिसंबर को 100 वर्ष के हो गए। उन्होंने वित्तीय विश्वयुद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपनी सेवाएं दी है।
सैन्य संस्कृति में एक वाक्य खूब मशहूर है कि एक सैनिक हमेशा सैनिक ही रहता है। लेकिन असल जिंदगी में कहें तो इस वाक्य को कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल ने चरितार्थ किया है। कर्नल पृथ्वीपाल सिंह ऐसे सैनिक है जिन्होंने भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी है। कर्नल पृथ्वीपाल सिंह 11 दिसंबर को 100 वर्ष के हो गए। उन्होंने वित्तीय विश्वयुद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपनी सेवाएं दी है।
रिटायर्ड कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल सबसे पहले रॉयल इंडियन एयर फोर्स में एक पायलट के रूप में अपनी शुरुआत की थी। पायलट के तौर पर इनकी तैनाती कराची में एक अधिकारी के रूप में हुई थी। वह हावर्ड एयरक्राफ्ट उड़ाते थे। कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल को अपने पिता के डर के कारण वापस लौटना पड़ा। दरअसल, पिता को यह हमेशा डर लगा रहता था कि उनका बेटा किसी दिन एयर क्रैश में मारे जाएंगे हालांकि उनके पिता भी सेना में कैप्टन ही रह चुके थे।Col Prithipal Singh Gill (retd.) started as a pilot in the Royal Indian Air Force, later sailed the high seas with Indian Navy, and finally saw action as a Gunner Officer with the Indian Army in the 1965 War, finally served as an Assam Rifles Sector Commander in Manipur. https://t.co/OhHdC9pOaA
— ANI (@ANI) December 11, 2020
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लेकिन आत्मविश्वास से भरे पृथ्वीपाल सिंह ने बाद में नौसेना का दामन थाम लिया। वह 1943 से लेकर 1948 तक नौसेना में रहे। 1951 में उन्होंने भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट ज्वाइन कर लिया। बाद में उन्होंने 1965 की लड़ाई के दौरान देश की सेवा की और वह गनर के रूप में तैनात हुए। इसके बाद उन्होंने पूर्वी भारत का रुख किया और मणिपुर में असम राइफल्स में सेवाएं दी। कर्नल की रैंक तक पहुंचने के बाद पृथ्वी पाल सिंह गिल ने 1970 में रिटायरमेंट ले लिया था।
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