ईवीएम पर रंगीन फोटो: एमसीडी चुनाव के लिए निर्देश देने से इंकार
मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने याचिकाकर्ता के उस मौखिक अनुरोध को खारिज कर दिया जिसमें अगले महीने होने वाले निगम चुनाव के लिए रंगीन फोटो प्रिंट करने के निर्देश देने के लिए कहा गया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय आज उस जनहित याचिका पर सुनवायी करने पर राजी हो गया है जिसमें कहा गया है कि मत पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर प्रत्याशियों की अभी लगायी जाने वाली श्वेत श्याम (ब्लैक एंड व्हाइट) फोटो के बजाय रंगीन फोटो प्रिंट की जानी चाहिये। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल की पीठ ने हालांकि याचिकाकर्ता के उस मौखिक अनुरोध को खारिज कर दिया जिसमें अगले महीने होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए रंगीन फोटो प्रिंट करने के निर्देश देने के लिए कहा गया था।
पीठ ने कहा, ‘‘इस समय ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया जाएगा।’’ इस मामले पर अगली सुनवायी आठ मई को होगी। भारत के निर्वाचन आयोग और दिल्ली चुनाव आयोग की तरफ से पेश हुये वकील ने कहा कि मानदंडों के अनुसार ईवीएम पर रंगीन फोटो प्रिंट कराना आवश्यक नहीं है। दिल्ली में 23 अप्रैल को नगर निगम के 272 वाडरें के लिए मतदान कराया जाएगा। स्नातक की पढ़ाई कर रहे दो छात्रों अनिल कुमार और प्रताप चंद्र ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने मार्च 2015 में निर्देश दिये थे कि पार्टी उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न के साथ उनकी तस्वीर भी मत पत्रों और ईवीएम पर लगायी जानी चाहिये।
उसमें कहा गया था कि उम्मीदवारों को नामांकन के तीन महीने के भीतर अपनी हाल की रंगीन या ब्लैक एंड व्हाइट फोटो देनी होगी लेकिन इसके बाद हुये चुनावों में मत पत्रों पर केवल ब्लैक एंड व्हाइट फोटो ही लगायी गयी। जनहित याचिका में कहा गया है, ‘‘जब निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों से ब्लैक एंड व्हाइट फोटो के साथ-साथ रंगीन फोटो मांगी थी तो उनकी ब्लैक एंड व्हाइट फोटो लगाने की कोई वजह नहीं होनी चाहिये।’’ यह जनहित याचिका वकील बिरजा महापात्र के जरिये दाखिल की गयी। उन्होंने कहा कि रंगीन तस्वीर लगाना मतदान के समय मतदाताओं के बीच भ्रम दूर करने के लिए अतिरिक्त कदम है।
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