राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और वोट निरस्त को लेकर बीजेपी में घमासान

Rajya Sabha elections
दिनेश शुक्ल । Jun 23 2020 7:09PM

राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान अनुसूचित जाति के दोनों विधायकों ने अपना मतपत्र पोलिग एजेंट उमाशंकर गुप्ता को दिखाया था। क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरे विधायक गोपीलाल जाटव ने भी संगठन को बताया कि उस समय गुप्ता ने किसी तरह की आपत्ति नहीं उठाई थी। गलत निशान लगाने वाले बागरी से भी उन्होंने कोई बात नहीं कही।

भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग और वोट निरस्त होने को लेकर घमासान चमा हुआ है। दरआसल 19 जून को राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी विधायक गोपीलाल जाटव के क्रॉस वोटिंग करने और विधायक जुगल किशोर बागरी के वोट निरस्त होने की सूचना के बाद से हंगामा चमा हुआ है जबकि कांग्रेस के एक और विधायक का वोट निरस्त हुआ था लेकिन कांग्रेस के इस विधायक का नाम उजागर नहीं हुआ जबकि भाजपा विधायकों के नाम सर्वजनिक होने पर पार्टी ने आपत्ति ली है। जिसको लेकर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता पर इसका ठिकरा फोड़ा जा रहा है। राज्यसभा चुनाव में उमाशंकर गुप्ता को पार्टी ने पोलिंग एजेंट बनाया था।  

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वही राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरे अनुसूचित जाति के विधायक गोपीलाल जाटव के मामले ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक तूल पकड़ लिया है। पार्टी हाईकमान की नाराजगी के बाद सोमवार को भाजपा प्रदेश संगठन ने पोलिंग एजेंट उमाशंकर गुप्ता को प्रदेश भाजपा कार्यालय तलब किया। पार्टी नेताओं ने गुप्ता से पूछा कि जब गोपीलाल जाटव ने क्रॉस वोटिंग की तब उन्होंने जाटव को टोका क्यों नहीं। गुप्ता से तल्ख लहजे में ये सवाल भी किया गया कि क्रॉस वोट की जानकारी सिर्फ और सिर्फ आपके पास थी तो यह लीक कैसे हुई। अनुसूचित जाति के ही दूसरे विधायक जुगल किशोर बागरी के वोट निरस्त होने के मामले में भी गुप्ता को कठघरे में खड़ा किया गया है। बागरी ने भी वोट डालने से पहले गुप्ता को मतपत्र दिखाया था। 

जबकि क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरे भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव ने प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत को भाजपा कार्यालय पहुँचकर अपनी तरफ से सफाई पेश की है। विधायक गोपीलाल जाटव ने क्रॉस वोटिंग को मानवीय भूल होना बताया है। उन्होंने कहा कि पार्टी उनकी मां जैसी है। वह जानबूझकर गलती नहीं कर सकते। इससे पहले जाटव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी मुलाकात कर मामले में सफाई दी है। उल्लेखनीय है कि 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को वोट देना था, लेकिन उनका वोट कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खाते में चला गया।

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अब इस पूरे मामले में पोलिंग एजेंट उमाशंकर गुप्ता पर ठिकरा फोड़ा जा रहा है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान अनुसूचित जाति के दोनों विधायकों ने अपना मतपत्र पोलिग एजेंट उमाशंकर गुप्ता को दिखाया था। क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरे विधायक गोपीलाल जाटव ने भी संगठन को बताया कि उस समय गुप्ता ने किसी तरह की आपत्ति नहीं उठाई थी। गलत निशान लगाने वाले बागरी से भी उन्होंने कोई बात नहीं कही। पार्टी नेताओं की मानें तो बाहर निकलकर भाजपा नेता ने ही यह बात किसी से कह दी। प्रदेश संगठन ने इस बात पर आपत्ति जताई कि कांग्रेस के किस विधायक का वोट निरस्त हुआ, अब तक किसी को पता नहीं चला। अब भाजपा संगठन इस पूरे मामले में पोलिंग एजेंट को दोषी मान रहा है। 

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बहरहाल पार्टी क्रॉस वोटिंग करने वाले भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव पर पार्टी किसी भी कार्यवाही की मनोदशा में नहीं दिख रही है। इसके पीछे का कारण प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी उप चुनाव है। जिसमें 16 सीटें ऐसी है जिस पर अनुसूचित जाति के वोट एक बड़ा फेक्टर है। पार्टी इसे देखते हुए अनुसूचित जाति के अपने विधायक गोपीलाल जाटव पर कार्यवाही करके उन वोटरों को नाराज नहीं करना चाहती। जिसको लेकर अब इस पूरे मामले पर संगठन पोलिंग एजेंट पर ठिकरा फोडकर इस मामले की इतिश्री करने की तरफ बढ़ रहा है।  

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