कांग्रेस ने ऑनलाइन आंदोलन किया, केंद्र से की गरीबों की मदद की मांग
थोराट ने कहा कि यह आंदोलन पार्टी के निर्देशों के अनुसार आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित गरीबों को पैसा मिलने से वे खरीददारी में सक्षम होंगे और अंततः अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करेंगे।
पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने न्याय योजना का प्रस्ताव दिया था। इस योजना के तहत, उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि गरीबों को प्रति माह एक निश्चित राशि प्रदान कर उन्हें खरीदारी में सक्षम बनाया जाए। गांधी ने कहा था कि गरीबों की क्रय शक्ति में इजाफे से कारखानों में उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे आगे चलकर रोजगार सृजित होंगे। थोराट ने कहा, “कोरोना वायरस संकट से आम आदमी सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। अपना निर्वहन करने के लिए संघर्ष करने वालों के पास आय का कोई स्त्रोत नहीं बचा है।” फेसबुक लाइव सत्र में भाग लेते हुए थोराट ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रस्तावित योजना के तहत गरीबों को आर्थिक मदद देनी चाहिए। केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज में कमियां गिनाते हुए राज्य के राजस्व मंत्री ने दावा किया कि यह पैकेज जनता पर पैसे खर्च करने के लिए नहीं, बल्कि ऋण देने को लेकर लाया गया है।कोरोना विषाणुच्या संकटामुळे सर्वात जास्त अडचणीत सापडलेल्या गरीब, कामगार, स्थलांतरीत मजूर, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगांच्या मदतीसाठी काँग्रेसने पक्षाने देशव्यापी चालवलेल्या ऑनलाईन मोहीम #SpeakUpIndia ला महाराष्ट्रातही उदंड प्रतिसाद मिळाला आहे: प्रदेशाध्यक्ष ना. @bb_thorat pic.twitter.com/uIbt2vNTMA
— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) May 28, 2020
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थोराट ने कहा कि यह पैकेज उन गरीबों के किसी काम का नहीं है जिन्हें आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए पैसों की जरुरत है। कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चाह्वाण ने थोराट का समर्थन करते हुए एकवीडियो संदेश में कहा ‘‘ मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि वे गरीबों के खातों में पार्टी द्वारा प्रस्तावित राशि जमा करें जिससे वे इस संकट के समय में अपना गुजारा कर सकें।’’ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चाह्वाण ने कहा कि केंद्र सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को ऋण ना देकर नकद सहायता दे, ताकि वे अपने कर्मचारियों को वेतन दे सकें। उन्होंने देश की जीडीपी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के 30 प्रतिशत योगदान का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इनकी मदद करनी चाहिए। महाराष्ट्र कांग्रेस के मंत्री असलम शेख, सतेज पाटिल ,वर्षा गायकवाड़ और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत भी इस ऑनलाइन आंदोलन में शामिल हुए।
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