कांग्रेस ने असम में पीएम-किसान योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, CBI जांच की मांग की

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मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने और कृषि मंत्री अतुल बोरा ने इससे पहले इसमें विसंगतियों की बात को स्वीकार किया था और कुछ अधिकारियों को इसके लिये निलंबति कर दिया गया था।

गुवाहाटी। असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने शुक्रवार कोपीएम—किसान योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने का अनुरोध किया। बोरा ने दावा किया कि योजना के लाभार्थियों के चयन में गंभीर विसंगतियां पाई गई हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, मैने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर, इस बारे में केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है। अधिकतर मामलों में वास्तविक किसानों का चयन इस योजना के लिये नहीं किया गया है और इसके लाभान्वितों के रूप में सरकारी कर्मचारी, व्यवासयी, आर्थिक रूप से मजबूत लोगों का चयन किया गया है। इस योजना के तहत, असम के 31 लाख किसानों को छह हजार रुपये का नकद लाभ मिलना था जो दो दो हजार रूपये की तीन किश्तों में सीधे उनके खाते में दिया जाना था। बोरा ने आरोप लगाया कि जिन पंचायत प्रतिनिधियों को लाभार्थियों की सूची तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया था, उन्होंने उसमें अपने नाम और अपने सगे संबंधियों के नाम शामिल किये। 

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मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने और कृषि मंत्री अतुल बोरा ने इससे पहले इसमें विसंगतियों की बात को स्वीकार किया था और कुछ अधिकारियों को इसके लिये निलंबति कर दिया गया था। नलबाड़ी जिले में जिला कृषि अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार से लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में कृषि, मत्स्य, पॉल्ट्री, डेयरी क्षेत्र को हुये नुकसान पर श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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