SC में कांग्रेस की दलील, राज्यपाल के पास रात में फ्लोर टेस्ट का आदेश देने का अधिकार नहीं
अंकित सिंह । Mar 18 2020 1:31PM
मध्य प्रदेश के राज्यपाल उनके अधिकार का हनन करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने कहा कि राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री या अध्यक्ष को रात में शक्ति परीक्षण का आदेश देने का अधिकार नहीं है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उसने उप चुनाव तक शक्ति परीक्षण टालने की मांग की है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे गए बागी विधायकों के त्यागपत्रों के मामले में जांच की आवश्यकता है। कांग्रेस ने न्यायालय में आरोप लगाया कि मप्र में उसके बागी विधायकों के इस्तीफे बलपूर्वक और डरा धमका कर ले जाए गये हैं और यह उन्होंने स्वेच्छा से ऐसा नहीं किया है। कांग्रेस ने कहा कि बागी विधायकों को भाजपा चार्टर्ड विमानों से ले गयी और उन्हें एक रिजार्ट में रखा गया है।
कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि भाजपा नेता होली के दिन अध्यक्ष के आवास पहुंचे और उन्हें बागी 19 विधायकों के इस्तीफे सौंपे, यह इस मामले में उनकी भूमिका दर्शाता है। कांग्रेस ने कहा कि अध्यक्ष के पास सर्वोच्च अधिकार है, मध्य प्रदेश के राज्यपाल उनके अधिकार का हनन करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने कहा कि राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री या अध्यक्ष को रात में शक्ति परीक्षण का आदेश देने का अधिकार नहीं है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उसने उप चुनाव तक शक्ति परीक्षण टालने की मांग की है।Advocate Dushyant Dave further submitted to Supreme Court bench, headed by Justice Dr DY Chandrachud that a very stable govt was functioning for 18 months. He also told the Court that the BJP has used force and might invariably destroy democratic principles. https://t.co/zP35CAMM2k
— ANI (@ANI) March 18, 2020
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