कांग्रेस का मोदी पर हमला, कहा- जीडीपी आंकड़ों का संशोधन एक बेहूदा मजाक
विपक्षी दल ने इस कदम का बचाव करने के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली की आलोचना की। कांग्रेस ने इसे ‘‘भारतीय सांख्यिकी की शुचिता पर जोरदार प्रहार’’ बताया है।
नयी दिल्ली। संप्रग सरकार के समय के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों में संशोधन को "बेहूदा मजाक" करार देते हुए कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार के इशारे पर नीति आयोग ने जो कुछ भी किया है उससे देश के मान-सम्मान को क्षति पहुंची है। पार्टी ने इस संस्थान को खत्म करने की मांग की। विपक्षी दल ने इस कदम का बचाव करने के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली की आलोचना की। कांग्रेस ने इसे ‘‘भारतीय सांख्यिकी की शुचिता पर जोरदार प्रहार’’ बताया है।
By fudging the GDP data to massage the ego of Prime Minister Modi and hide the miserable performance and mismanagement of the Indian economy, the Ministry of Statistics and Niti Ayog have done a disservice to the nation.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) November 29, 2018
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘नीति आयोग के संशोधित जीडीपी आंकड़े एक मजाक है। यह एक ‘बेहुदा मजाक’ है। असल में यह ‘बेहुदा मजाक’ से भी बदतर है। यह सब नीति आयोग का किया धरा है। अब समय आ गया है कि इस बेकार निकाय, नीति आयोग, को बंद कर दिया जाये।’’ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी संस्था की निंदा करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के अहम को तुष्ट करने के लिये जीडीपी आंकड़ों में फर्जीवाड़ा कर और भारतीय अर्थव्यवस्था के दयनीय प्रदर्शन तथा कुप्रबंधन को छुपाकर सांख्यिकी मंत्रालय एवं नीति आयोग ने देश के मान सम्मान को नुकसान पहुंचाया है।’’
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उन्होंने कहा कि भारतीय आंकड़ों की विश्वसनीयता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवालों के घेरे में आ गयी है। इस कदम से इससे पहले का जीडीपी आंकड़ा तैयार करने वाले भारतीय सांख्यिकी संस्थान तथा विशेषज्ञों की विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुंचा है। शर्मा ने कहा, ‘‘यह देखना निराशाजनक है कि वित्त मंत्री भारतीय सांख्यिकी की शुचिता पर हुए इस जोरदार प्रहार का बचाव कर रहे हैं।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘‘प्रतिष्ठित केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) अब नमो (नंबर्स एडजस्टमेंट एंड मैनीपुलेशन ऑर्गेनाइजेशन) बन गया है।’’ उन्होंने भारतीय सांख्यिकी अनुसंधान के पिता माने जाने वाले पी सी महालानोबिस का उल्लेख किया।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘पहले के आंकड़ों की गणना राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने की थी। उन्होंने पूछा, क्या आयोग को भंग कर दिया गया है।’’ पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन से सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि नीति आयोग का इससे कोई लेना देना नहीं है। चिदंबरम ने कहा, ‘‘मुझे हैरानी होगी अगर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार पत्रकारों के सवाल को "बेतुका" करार देने की बजाये इस मसले पर विमर्श के लिए तैयार होंगे।’’
New Data :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) November 29, 2018
Growth faster under NDA than UPA
True growth in :
Jumlas
manipulating (CSO , NSSO's data)
falsifying outcomes (eg on paper 'electrified' villages in reality 'darkness')
lies (eg Oct.29, 2017 Modi said Govt. launched DBT scheme . Launched in 2013 under UPA .)
पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘नया आंकड़ा : संप्रग की तुलना में राजग सरकार में तेज विकास हुए। जुमला, हेर फेर (सीएसओ, एनएसएसओ के आंकड़े), फर्जी आंकड़े (जैसे दस्तावेज पर गांवों का ‘विद्युतीकरण’ जबकि हकीकत में ‘अंधकार’), झूठ (जैसे 29 अक्टूबर 2017 को मोदी ने कहा कि सरकार ने डीबीटी शुरू किया, जबकि यह योजना 2013 में संप्रग के कार्यकाल में शुरू हुई)।’’ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बृहस्पतिवार को पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर में संशोधन का बचाव करते हुए कहा कि इसे बेहद ‘‘विश्वसनीय’’ संगठन केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने तैयार किया है। यह वित्त मंत्रालय से अलग एक स्वतंत्र संस्थान है।
उन्होंने कहा कि वृद्धि दर के संशोधित आंकड़े नये आधार वर्ष 2011-12 के नये फार्मूले पर आधारित है। यह वैश्विक स्तर पर अधिक तुलनीय है क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था का अधिक व्यापक प्रतिनिधित्व करता है और वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित करता है। वृद्धि दर के आंकड़ों में संशोधन को लेकर कांग्रेस की आलोचना पर बरसते हुए जेटली ने कहा कि इस पार्टी ने इसी सीएसओ की संप्रग के अंतिम दो साल के आंकड़ों में संशोधन और उसमें वृद्धि को लेकर सराहना की थी और यहां तक कहा था, ‘‘जीडीपी की नयी श्रृंखला से यह स्थापित हो गया कि हमने अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन नहीं किया।’’
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बाद में एक ब्लॉग पोस्ट में जेटली ने कहा कि संशोधित आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों ने कांग्रेस पार्टी के उस आखिरी दलील को भी खत्म कर दिया है कि ‘‘हमारे (कांग्रेस के) समय की जीडीपी वृद्धि आपके समय से अधिक है।’’ संशोधित आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली संप्रग सरकार के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की औसत वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही, जबकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में यह 7.3 प्रतिशत रही है। पहले जो आंकड़े आए थे उसके अनुसार संप्रग के दस साल के कार्यकाल में औसत वृद्धि दर 7.75 प्रतिशत रही थी।
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