राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस-भाजपा में छिड़ा वाक्-युद्ध

Congress, BJP spar over AgustaWestland chopper scandal, Rafale fighter aircraft

कांग्रेस आरोप लगा चुकी है कि केन्द्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से जय की कंपनी के कारोबार में कथित तौर पर कई गुना इजाफा हुआ है।

नयी दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमान को लेकर कांग्रेस एवं भाजपा के बीच नोकझोंक हुई जिसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला और आरोप लगाया कि एक व्यवसायी को लाभ पहुंचाने के लिए ‘‘पूरे सौदे’’ में कथित बदलाव किया गया, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय को लेकर सवाल क्यों नहीं किया जाता। कांग्रेस आरोप लगा चुकी है कि केन्द्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से जय की कंपनी के कारोबार में कथित तौर पर कई गुना इजाफा हुआ है।

राहुल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप मुझसे जो भी सवाल पूछते हैं मैं खुशी से उनका जवाब देता हूं। आप प्रधानमंत्री मोदी से राफेल सौदे को लेकर, अमित शाह के पुत्र को लेकर सवाल क्यों नहीं पूछते। आप प्रधानमंत्री से सवाल क्यों नहीं पूछते जिन्होंने एक व्यवसायी की मदद के लिए पूरे राफेल सौदे को ही बदल दिया।’’ राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस बात का स्पष्टीकरण देना चाहिए कि राफेल सौदे के लिए किसी ऐसे पर भरोसा क्यों किया गया जिसके पास वैमानिकी का शून्य अनुभव है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘‘सेल्फ रिलायंस (आत्मनिर्भरता)’’ निश्चित तौर पर ‘मेक इन इंडिया’ का एक महत्वपूर्ण पक्ष है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को अपने शासन की याद होनी चाहिए जब वह ऐसे मुद्दे उठाते थे। कैबिनेट की बैठक के बाद कानून मंत्री प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राहुल के बयान के बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कहा, ‘‘उन्हें इस बात को स्वीकार करने में बहुत मुश्किल आ रही है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन साल के शासन में भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं हुआ है।’’ इस सप्ताह के शुरूआत में कांग्रेस ने सरकार पर राफेल सौदे में पूरी तरह से बदलाव कर राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता करने, ‘‘सांठगांठ वाले पूंजीवाद’’ को बढ़ावा देने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि सरकार ने हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लि. के हितों की अनदेखी की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल की फ्रांसीसी निर्माता कंपनी दसाल्ट एविशन ने एचएएल को प्रौद्योगिकी स्थानांतरित करने से इंकार कर दिया और इसके बदले रिलायंस डिफेंस के साथ समझौता किया। भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि यह ध्यान बंटाने का प्रयास है क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेताओं को अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर घोटाले में पूछताछ करने की आशंका सता रही है।

रिलायंस डिफेंस लि. ने एक बयान में कांग्रेस के बयान को ‘‘निराधार एवं असत्य’’ करार दिया। कंपनी ने कहा कि उसकी सहायक कंपनी दसाल्ट रिलायंस एयरोस्पेस एक संयुक्त उद्यम है। यह दोनों निजी कंपनी के द्विपक्षीय समझौते के बाद गठित हुई। इसमें भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है। कंपनी ने कहा कि सरकार की 24 जून 2016 की नीति के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बिना पूर्व अनुमति के मंजूरी दी जाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़